यूपी का राजनीतिक चक्रव्यूह भेदने में जुटे राहुल गांधी
यूपी में कांग्रेस 27 साल से सत्ता से दूर है। ऐसे में कांग्रेस के लिए राहुल गांधी एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।
नई दिल्ली। 1989 के बाद से कभी भी कांग्रेस देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में सत्ता पर काबिज नही हो पायी। यह सोच हर एक कांग्रेसी के माथे पर बल पड़ जाते हैं। ऐसे में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सपा के साथ गठबंधन का जो दांव चला है, वह फिलहाल सकारात्मक नज़र आता है।
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डाइनामाइट न्यूज़ की टीम जब जमीनी हकीकत जानने पश्चिमी उत्तर प्रदेश का दौरा किया तो वहां अधिकतर लोगों का मानना था कि कांग्रेस के पास ज्यादा कुछ खोने को नही है। यूपी में कांग्रेस 27 साल से सत्ता से दूर है। ऐसे में बिहार की तर्ज पर यदि कही किस्मत ने साथ दिया और गठबंधन के हाथ सत्ता लगी तो कैडर को एख तरह से पुनर्जीवन मिलेगा।
यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए राहुल गांधी एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। अपनी चुनावी रैलियों में राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राजनीतिक हमला कर रहे हैं और मोदी सरकार की उपलब्धियों को लेकर किए जा रहे तमाम दावों की पोल खोल रहे है।
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अंदरखाने कांग्रेस के कार्यकर्ता भी मानते हैं कि यूपी में कांग्रेस को जीवित रहने के लिए गठबंधन जरूरी हो गया था। अब इंतजार करना होगा 11 मार्च का जब नतीज़े के बाद यह साफ होगा कि राहुल का गठबंधन दांव कितना सही था?