UP: सोनभद्र नरसंहार मामले में बड़ी कार्रवाई, डीएम, एसपी समेत कई पर गिरी गाज
यूपी के सोनभद्र नरसंहार मामले में शासन की ओर से DM, SP समेत कई अधिकारियों पर बेहद सख्त कार्रवाई की गई है। साथ ही यह भी बताया गया कि किस तरह से 1300 बीघा जमीन का घपला घोटाला किया गया। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़ें पूरी खबर..
लखनऊ: सोनभद्र नरसंहार मामले में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस की। जिसमें उन्होंने बताया कि जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर जिले के एसपी और डीएम समेत कई आलाअधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।
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आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए दो कमेटियां बनाई गई थी। एक जमीन से जुड़े मामले पर और दूसरी घटना से जुड़ी।
डीएम एसपी हटाए गए वहीं कई निलंबित
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इसी मामले में सीएम योगी ने सोनभद्र मामले में रेणुका कुमार की जांच रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए बड़ा एक्शन लिया है। सोनभद्र के डीएम अंकित अग्रवाल को हटा दिया गया। एस. राम लिंगम सोनभद्र के DM बनाए गए। वहीं एसपी सोनभद्र सलमान ताज पाटिल को हटाकर प्रभाकर चौधरी को नया SP बनाया गया है।
इसके अलावा मौजूदा एसडीएम, सीओ, सहायक परगना अधिकारी, एसओ, एसआई, सहायक निबंधक संस्पेंड करने के साथ इनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही 1989 में राबर्ट्सगंज के तहसीलदार, एसडीएम के खिलाफ खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
कांग्रेस पर लगाया बड़ा आरोप
वहीं जमीन से जुड़े मामले की जांच रिपोर्ट के बारे में बताया कि इसमें कई अहम बिंदु सामने उभर कर आए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर सोनभद्र के उम्भा गांव में कांग्रेस के दो बड़े नेताओं ने इन गांव में दो सोसाइटी बनाई थी। जिनके अंतर्गत आदर्श कृषि सहकारिता समिति का गठन किया गया। इसके लिए 1300 बीघा जमीन को 1955 में गलत तरीके से समिति के नाम कर दिया गया था।
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वहीं बाद में 1979 में सारी जमीन को अवैध तरीके से फर्जीवाड़ा करते हुए व्यक्तिगत लोगों के नाम कर दी गई थी। जिसके बाद साल 1989 में जमीन को गलत तरीके से बेचने का काम शुरू हुआ। इसकी जांच के लिये प्रमुख सचिव राजस्व रेणुका कुमार की अगुवाई में छह सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। इनको तीन महीने में रिपोर्ट देनी होगी।
आपको बता दें कि सोनभद्र में 10 लोगों के नरंसहार के बाद राजनीतिक गलियारों में गहमागहमी चल रही थी।