DNExclusive: कहीं देखी है आपने इतनी लंबी मूंछें..

डीएन संवाददाता

मूंछ वाले ठाकुर ने कभी पंजाब में मूंछो की प्रतियोगिता देखी थी, तब उन्होंने मन में ठान लिया था कि वो एक दिन सबसे बड़ी मूंछ रखने का रिकार्ड बनायेगें लेकिन आज तक उनकी मुराद पूरी न हुई। पढ़ें उनकी मजेदार कहानी...

मूंछ वाले ठाकुर कृष्ण प्रताप सिंह ऊर्फ विजय पाल सिंह
मूंछ वाले ठाकुर कृष्ण प्रताप सिंह ऊर्फ विजय पाल सिंह


अमेठी: यूपी के अमेठी में एक शख्स ने अवार्ड पाने के लिए 5 फुट की मूंछें रख डाली हैं लेकिन फिर भी इन्हें अवार्ड नहीं मिल सका। इन जनाब का नाम हैं कृष्ण प्रताप सिंह उर्फ विजय पाल सिंह, जिनकी अब क्षेत्र में पहचान मूंछ वाले ठाकुर के रूप में बन चुकी है। जनाब बचपन से घूमने के शौकीन थे और सिक्खों से प्रभावित हो कर मूंछ रखने का शौक ये बचपन ही पालने लगे। बताया जा रहा है कि बचपन से लेकर अब तक इन्होंने अपनी मूंछे कटाई ही नहीं।

मूंछो की प्रतियोगिता से बढ़ा शौक

अमेठी ज़िले की तहसील अमेठी से करीब 15 किलोमीटर दूर ब्लाक संग्रामपुर में स्थित खदरी ग्रामसभा है। यहां के निवासी हैं राज मंगल सिंह, जिनके चार बेटे रामलखन सिंह, त्रिभुवन सिंह, कृष्ण प्रताप सिंह ऊर्फ विजय पाल सिंह और अभिमन्यू सिंह हैं। कृष्ण प्रताप सिंह ऊर्फ विजय पाल सिंह है राज मंगल सिंह के तीसरे नम्बर के पुत्र हैं। इनका जन्म 1968 मे हुआ था। मूंछों वाले ठाकुर साहब बताते हैं कि वो बचपन में रिश्तेदार के यहां पंजाब गये थे। वहां उन्होंने मूंछो की प्रतियोगिता देखी थी। उस समय कृष्ण प्रताप सिंह की उम्र थी यही कोई 17-18 वर्ष। तभी से उन्होंने मन में ठान ली की मूंछो को बड़ी करके एक रिकार्ड बनाएंगे।

 

लौंकी का तेल लगाकर बढ़ाई मूंछें

फिर क्या था कृष्ण प्रताप सिंह ने अपने मूंछो को बढ़ाना शुरू कर दिया, इसके लिए कृष्ण प्रताप सिंह रायबरेली से लौंकी का तेल लेके आते थे और दिन में दो से तीन बार लगाते। अपनी मूंछों को साफ सुथरा रखने के लिए डिटोल या लक्स साबुन का ही प्रयोग करते। अब भी अपनी मूछों को दिन में दो बार साफ कर तेल लगाते है। लेकिन अब शुद्ध लौंकी का तेल न मिल पाने का उन्हें अफसोस जरूर है।

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कानो में हमेशा लपेटे रहते हैं मूंछें

शुरू मे उन्हे मूंछ के बालों से दिक्कत होती थी तो हेयर फिक्सर से चिपका लेते थे, लेकिन अब अपने कानों में उसे लपेट लेते है। बताते हैं कि पहले कान में लपेटने पर सोते वक्त मूंछों का बाल खुल जाता था पर अब सोते वक्त बहुत आराम से अपने कानो में मूंछे लपेटे कर सो जाते है। अब तो ठाकुर साहब कानो में मूंछें हमेशा लपेटे रहते है।

 

पिता बोले मर्द की शान हैं मूंछें

आपको बता दें कि कृष्ण प्रताप सिंह के मूंछों को लेकर उनके बच्चे ममता सिंह, सरिता सिंह, सुरेन्द्र वीर विक्रम सिंह, मधू सिंह, वीरेन्द्र वीर विक्रम सिंह भी अपने पिता के शौक को लेकर अपने को गौरांवित महसूस करते है। उन्हे अपने पिता के मूंछो के पहचान से काफी खुशी होती है। कृष्ण प्रताप सिंह इनके पिता राजमंगल सिंह गर्व से कहते है कि मर्द की शान मूंछो से ही है हम कह सकते है कि मेरे बेटे की मूंछ बहुत बड़ी है। वैसे तो कृष्ण प्रताप सिंह खेती किसानी से जुड़े व्यक्ति हैं इनके पास 13 बीघा खेत है जिस पर ये खेती करते है।

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पंजाब में मूंछों के बूते मिला एवार्ड

कृष्ण प्रताप सिंह ऊर्फ विजय पाल सिंह बताते हैं कि पंजाब के फरीदपुर जनपद में आयोजित मूंछ प्रतियोगिता में समिलित होने का मौका मिला और बढ़ी मूंछ प्रतियोगिता के प्रथम विजेता का स्थान प्राप्त किया है। लगभग सात-आठ वर्ष पूर्व ए.सी.सी. कम्पनी गौरीगंज द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में भी वो विजेता रहे। लेकिन आज तक क्षेत्रीय और प्रदेशीय सम्मान इन्हें नहीं मिला। खदरी ग्राम सभा व आस पास के लोग उत्तर प्रदेश के कृष्ण प्रताप सिंह के शौक को रिकार्ड में दर्ज कराने की बात करते हैं। क्षेत्रीय सम्मान न मिलने और सरकार द्वारा रिकार्ड में नाम दर्ज करवाने मे मदद न करने से लोग क्षुब्ध है। समय-समय पर जनप्रतिनिधियो से भी क्षेत्रीय सम्मान दिलाये जाने की मांग होती रहती है।

 










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