अयोध्या में 400 करोड़ रुपये के इन परियोजनाओं को मिली मंजूरी, पढ़ें पूरी डीटेल

डीएन ब्यूरो

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुक्रवार को हुई उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में अयोध्या में 465 करोड़ रुपये की विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)


लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुक्रवार को हुई उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में अयोध्या में 465 करोड़ रुपये की विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘अयोध्या में राष्ट्रीय राजमार्ग-27 से 'नया घाट' पुराने पुल तक 'धर्म पथ' के दो किलोमीटर के हिस्से को अब 65 करोड़ रुपये की लागत से चौड़ा और विस्तारित किया जाएगा।’’

इसमें कहा गया कि अयोध्या में 9.02 किलोमीटर लंबी पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के विकास और 23.94 किलोमीटर 'चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग' को चार लेन में बदलने के लिए भी 200-200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

अयोध्या में भगवान राम के भव्य दिव्य मंदिर लोकार्पण जनवरी 2024 में प्रस्तावित हैं और इसके बाद वहां बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।

अगला लोकसभा चुनाव भी 2024 में होगा।

बयान के मुताबिक, इसके साथ ही पंचकोसी परिक्रमा मार्ग में सुग्रीव किला, अशर्फी भवन, देवकाली छोटी, नागेश्वर धाम, स्वयंवर नाथ, दंतधावन कुंड, जानकी कुंड, मौनी बाबा आश्रम, सीता कुंड, दशरथ कुंड में फर्श, शौचालय, प्रतीक्षालय, चारदीवारी, दरवाजों आदि का निर्माण भी कराया जाएगा। मंत्रिमंडल ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

मंत्रिमंडल की बैठक में चार नए निजी विश्वविद्यालयों को आशय पत्र जारी करने का निर्णय लिया गया है। इन विश्वविद्यालयों में वरुण अर्जुन विश्वविद्यालय शाहजहांपुर, टीएस मिश्रा विश्वविद्यालय लखनऊ, फारुख हुसैन विश्वविद्यालय आगरा और विवेक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय बिजनौर शामिल हैं।

बयान में कहा गया, ‘‘नए निजी विश्वविद्यालयों को आशय पत्र जारी करने का उद्देश्य शिक्षा के स्तर को सुधारना और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।’’

बयान के मुताबिक, आशय पत्र जारी होने के बाद दो साल के अंदर इन विश्वविद्यालयों को सभी औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी। औपचारिकताएं पूरी नहीं करने पर आशय पत्र निरस्त हो जाएगा।










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