प्रोटोकॉल में बंधे रहने वाले विदेश मंत्रालय को जरूरतमंदों तक पहुंचाने वाली थी सुषमा स्वराज
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में अधिक चर्चा में रहने वाला विदेश मंत्रालय था। दूर देशों में रहने वालों ने जहां से भी आवाज लगाई सुषमा स्वराज ने एक मां की तरह उनकी मदद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने विदेश मंत्रालय के भारी भरकम माहौल को ममता का केंद्र बना दिया था। यह बदलाव कैसे आया जानने के लिए पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की विशेष खबर..
नई दिल्ली: प्रखर प्रवक्ता और मानवीयता से परिपूर्ण राजनेताओं में शुमार सुषमा स्वराज अब हमारे बीच नहीं रहीं हैं लेकिन उन्होंने अपनी कार्यशैली से सभी को कायल बना दिया था। 2014 में विदेश मंत्री बनने के बाद उन्होंने विदेशों में फंसे भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश पहुंचाया जिसके वह जनमानस के मन में बस गईं। उनके इस कार्य के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
सुषमा स्वराज भारत की उन नेताओं में शामिल थीं, जिन्हें ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलो किया जाता है। उन्हें 13 मिलियन से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। उनका आखिरी ट्वीट भी उनके निधन से महज 3 घंटे पहले ही आया। उन्होंने इस ट्वीट में जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के लिए पीएम मोदी की तारीफ की थी।
प्रधान मंत्री जी - आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी. @narendramodi ji - Thank you Prime Minister. Thank you very much. I was waiting to see this day in my lifetime.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) August 6, 2019
मूक बाधिर लड़की की दशकों बाद वापसी
2015 में सुषमा स्वराज के प्रयासों का ही नतीजा था कि एक मूक बधिर लड़की गीता की एक दशक के बाद पाकिस्तान से वापसी हुई थी। उसके माता-पिता को खोजने के लिए एक लाख रुपये इनाम की घोषणा की। उन्होंने गीता के लिए दूल्हा ढूंढने में भी पूरी दिलचस्पी दिखाई।
मां बेटी को परिजनों ने छोड़ा मदद को पहुंची थी सुषमा
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2016 में एक भारतीय महिला अपनी आठ साल की बेटी के साथ एक मुसीबत में फंस गई। उसे उसके परिवार वालों ने छोड़ दिया था। उसने ट्वीट के माध्यम से मदद मांगी थी। बाद में उसकी स्वदेश वापसी हुई थी।
मलेशिया में रहने वाले भारतीय ने दोस्त के लिए जब मांगी मदद
मलेशिया में रहने वाले एक भारतीय शख्स ने बीते मार्च में अपने दोस्त को भारत से वापस लाने की मदद मांगी थी। लेकिन इस शख्स के ट्वीट में व्याकरण की गलतियां थीं। उन्होंने उसकी भी मदद की।
Even if you are stuck on the Mars, Indian Embassy there will help you. https://t.co/Smg1oXKZXD
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) June 8, 2017
मंगल पर भी फंसे हो तो...
विदेश मंत्री रहते हुए एक यूजर ने उनसे यह कहते हुए मदद मांगी कि वह मंगल पर फंस गया है। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, यदि आप मंगल पर फंस गए हैं तो भारतीय दूतावास वहां आकर भी आपकी मदद करेगा।
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जब सरताज अजीज को लगाई थी लताड़ा
भारतीय नागरिक अवंतिका जाधव का वीजा आवेदन लंबित है, जो पाकिस्तान में अपने बेटे से मिलना चाहती थी। इसको लेकर उन्होंने सरताज अजीज को पत्र लिखा लेकिन कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर पाकिस्तान के रवैये से नाराज सुषमा स्वराज ने एक के बाद एक नौ ट्वीट करते हुए जबरदस्त लताड़ लगाई थी।
खाड़ी देशों में फंसे भारतीयों को मिली मदद
सुषमा स्वराज ने खाड़ी देशों में फंसे ढेरों भारतीयों को कई दफा संकट से बाहर निकाला था। इसी तरह 10 अप्रैल 2018 को सऊदी अरब से देश लौटने वाली हैदराबाद की जसिंथा मेनडोनका ने खुलासा किया कि वह मानव तस्करी का शिकार हुई थी।
कश्मीरी छात्र की मदद, IOK लिखे होने पर जताई थी आपत्ति
फिलीपींस में चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे एक कश्मीरी छात्र ने सुषमा स्वराज से नए पासपोर्ट के लिए मदद मांगी थी। उसके पासपोर्ट पर भारत अधिकृत कश्मीर (iok) लिखा हुआ था, जिस पर उन्होंने आपत्ति जताई थी जिसके ठीक किए जाने पर सुषमा ने मनीला स्थित भारतीय दूतावास से छात्र की मदद करने को कहा था।