तीन तलाक बिल: विपक्ष के भारी विरोध के बीच क्‍या पास होगा बिल, देखें क्‍या कहते हैं आंकड़े

डीएन ब्यूरो

लोकसभा में जिस रफ्तार से धड़ाधड़ बिल पास हो रहे हैं उस रफ्तार को राज्‍यसभा में बरकरार रख पाना केंद्र सरकार के लिए मुश्किल हो रहा है। ऐसे में आज तीन तलाक बिल पेश होना है, क्‍या स्‍थितियां हो सकती हैं इसका पूरा विश्‍लेषण पढ़ें डाइनामाइट न्‍यूज़ की विशेष खबर में..

संसद परिसर में गांधी जी की प्रतिमा (फाइल फोटो)
संसद परिसर में गांधी जी की प्रतिमा (फाइल फोटो)


नई दिल्‍ली: लोकसभा में पास होने के बाद तीन तलाक बिल आज राज्‍यसभा में सरकार की ओर से पेश किया जाएगा। इस बिल के लिए भाजपा अपनी पूरी ताकत झोंक देना चाहती है इसीलिए उसने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है। वैसे नंबर गेम के आधार पर भाजपा का मंसूबा पूरा होते नहीं दिख रहा है लेकिन वह क्‍या स्थितियां हो सकती है जिनसे भाजपा को इस बिल को पास कराने में सहुलियत हो जाए।

यह भी पढ़ें: रविशंकर प्रसाद तीन तलाक अधेयक का दिया प्रस्ताव, मुस्लिम महिलाओं को पीड़ा से मिलेगी राहत

राज्‍य सभा में इस बिल को पास कराने के लिए 121 वोटों की आवश्‍यकता है जबकि भाजपा के पास केवल 77 सीटें हैं। पूरा एनडीए कुनबा 103 सीटों पर सिमटा है। वहीं सहयोगी नीतीश कुमार ने बिल का विरोध करते रहे हैं। उनके पास राज्‍यसभा में 6 सांसदों का संख्‍याबल है।

वहीं जगनमोहन रेड्डी भले ही सहयोगी पार्टी न हों भाजपा से अभी उनकी ट्युनिंग अच्‍छी है लेकिन वह भी पक्ष में वोटिंग करेंगे इसकी बेहद ही धुंधली उम्‍मीद है। उनके पास राज्‍यसभा में दो सांसदों का संख्‍याबल है।

यह भी पढ़ें: लोकसभा में बहुमत से पारित हुआ तीन तलाक विधेयक.. कांग्रेस समेत कई दलों का वॉकआउट

इसके अलावा एआईडीएमके भी पक्ष में नहीं मतदान करने वाली, जिसके पास राज्‍यसभा में 13 सांसद है। इस लिहाज से देखा जाए तो केवल नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल सहयोग कर सकती है। 

वहीं सूत्रों की माने तो टीआरएस वोटिंग से बॉयकाट करेगी। जिसके पास कुल 6 सांसद हैं। इन सभी कॉम्‍बिनेशन में भाजपा किसी भी कीमत पर तीन तलाक बिल पास नहीं करा पाएगी। 

यह भी पढ़ें: बच्चों से झगड़ रही पत्नी को 62 साल के बुजुर्ग ने कहा तीन तलाक

हालांकि यहां एक और समीकरण उभरता है कि यदि राजनीतिक दल मतदान से गैरहाजिर हो जाते हैं तो राज्‍यसभा में संख्‍याबल कम हो जाएगा और बहुमत का आंकड़ा भी कम हो जाएगा। या फिर कुछ दल मतदान से पहले सदन छोड़कर बाहर निकल जाएं ऐसे में भाजपा इस बिल को पास करा सकती है।










संबंधित समाचार