सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला, भारतीय हस्तशिल्प की परंपरा को बढ़ावा देने के लिए फरीदाबाद में हरियाणा पर्यटन द्वारा आयोजित वार्षिक मेला
आज से शुरू हो गया है। डाइनामाइट न्यूज़ पर देखिये मेले की खास बातें
कब से कब तक
इस मेले का 37वां संस्करण आज, 2 फरवरी से शुरू होगा और 18 फरवरी तक समाप्त होगा। यह शिल्प मेला भारत के सबसे प्रसिद्ध आयोजनों के रूप में जाना जाता है
क्या है ऐतिहासिक महत्व
सूरजकुंड का अर्थ है 'सूर्य की झील', इसका अत्यधिक ऐतिहासिक महत्व है। मेले का नाम सूरजकुंड झील के नाम पर पड़ा, जो 10वीं शताब्दी में तोमर वंश के राजा सूरज पाल द्वारा निर्मित एक प्राचीन जलाशय था। हरियाणा सरकार ने हरियाणा राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला की शुरुआत की, जो हर साल फरवरी के महीने में होता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया उद्घाटन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सूरजकुंड मेले को शिल्प का महाकुंभ बताते हुए कहा कि मेला हमारी परंपरा और नवीनता का उत्सव है।
टिकट की कीमत
सोमवार से शुक्रवार तक, सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले की टिकट की कीमत ₹ 120 है। सप्ताहांत पर, यानी शनिवार और रविवार को, टिकट की कीमत ₹ 180 है। इसके अलावा, स्कूल और कॉलेज के छात्र 50% का लाभ उठा सकते हैं।
हर शाम कव्वाली और पंजाबी गीतों से जमेगा रंग
सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में प्रतिदिन सांस्कृतिक संध्या के दौरान होने वाले कार्यक्रमों में सूफियाना कलाम के साथ पंजाबी गीतों की भी धूम रहेगी।
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