नेट नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम व हॉट स्‍टार जैसे ऑनलाइन मीडिया के लिए गाइडलाइंस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने नेटफ्लिक्स और एमेजन प्राइम वीडियो जैसे आनलाइन मीडिया प्रसारण की सामग्री को नियंत्रित करने के लिये दिशा-निर्देश तय करने की मांग वाली याचिका पर केन्द्र से जवाब मांगा गया है। आरोप है कि नेटफ्लिक्स और एमेजॅान प्राइम वीडियो बगैर प्रमाणन के अश्लील सामग्री ऑनलाइन दिखाते हैं।

Updated : 11 May 2019, 12:26 PM IST
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नई दिल्‍ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आठ फरवरी के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, विधि एवं न्याय मंत्रालय और संचार मंत्रालय को नोटिस जारी किया है। याचिका में नेटफ्लिक्स और एमेजन प्राइम जैसे आनलाइन मीडिया प्रसारण की सामग्री को नियंत्रित करने के लिये दिशा-निर्देश तय करने की मांग की गई है।

सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय के आठ फरवरी के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, विधि एवं न्याय मंत्रालय और संचार मंत्रालय को नोटिस जारी किये हैं। 

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याचिका में कहा गया है कि लाइसेंस या इन्हें नियंत्रित करने वाली किसी संस्था के अभाव में सरकार अपनी निष्क्रियता से ब्राडकास्टरों में ही एक विशेष अंतर पैदा कर रही है और इस तरह से उपभोक्ताओं, नियमित फिल्म निर्माताओं, केबल-टीवी आपरेटरों आदि के साथ भेदभाव कर रही है।

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गौरतलब है कि इससे पहले उच्च न्यायालय ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के जवाब के बाद गैर सरकारी संगठन जस्टिस फॅार राइट्स फाउण्डेशन की याचिका खारिज कर दी थी। मंत्रालय ने कहा था कि इस तरह के आनलाइन प्लेटफार्म को उससे किसी प्रकार का लाइसेंस लेने की आवश्यकता नहीं है।

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Published : 
  • 11 May 2019, 12:26 PM IST

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