Supreme Court: किसान आंदोलन पर बड़ा फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर लगाई रोक, कमेटी गठित

डीएन ब्यूरो

नये कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। पढिये, पूरी खबर

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: मोदी सरकार के नये कृषि कानूनों समेत इसके खिलाफ किसानों के आंदोलन को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। इसके साथ ही एख कमेटी गठित कर दी गयी है। यह कमेटी सरकार और किसानों के बीच कानूनों पर जारी विवाद को समझेगी और सर्वोच्च अदालत को रिपोर्ट सौंपेगी।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पहले किसानों ने कमेटी का विरोध किया और कमेटी के सामने पेश ने होने को कहा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख बरता और किसानों से कहा कि अगर मामले का हल निकालना है तो कमेटी के सामने पेश होना होगा। मामले के समाधान के लिये कमेटी जरूरी है।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा अब कोई भी मुद्दा होगा, तो कमेटी के सामने उठाया जाएगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ किया कि कमेटी कोई मध्यस्थ्ता कराने का काम नहीं करेगी, बल्कि निर्णायक भूमिका निभाएगी। 

चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए नये कृषि कानूनों पर रोक का आदेश दिया। साथ ही एक कमेटी का गठन कर दिया है सुप्रीम कोर्ट में इसस पहले सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि वो कानून सस्पेंड करने को तैयार हैं, लेकिन बिना किसी लक्ष्य के नहीं। किसानों के एक वकील ने कहा कि इस तरह का मानना है कि कमेटी मध्यस्थ्ता करेगो। जिस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि कमेटी मध्यस्थ्ता नहीं करेगी, बल्कि मुद्दों का समाधान करेगी।  

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सुप्रीम कोर्ट में किसानों की ओर से एमएल शर्मा ने कहा कि किसान कमेटी के पक्ष में नहीं हैं, हम कानूनों की वापसी ही चाहते हैं। एमएल शर्मा की ओर से अदालत में कहा गया कि आज तक पीएम उनसे मिलने नहीं आए हैं, हमारी जमीन बेच दी जाएंगी। चीफ जस्टिस ने कहा कि वो ऐसा फैसला जारी कर सकते हैं जिससे कोई किसानों की जमीन ना ले सके।










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