सुप्रीम कोर्ट ने 'पुनर्नामकरण आयोग’ बनाने संबंधी याचिका को किया खारिज, जानिये प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों से जुड़ा ये मामला
उच्चतम न्यायालय ने प्राचीन, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों के ‘‘मूल’’ नाम फिर से रखने के लिए ‘‘पुनर्नामकरण आयोग’’ गठित करने संबंधी जनहित याचिका खारिज की। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने प्राचीन, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों के ‘‘मूल’’ नाम फिर से रखने के लिए ‘‘पुनर्नामकरण आयोग’’ गठित करने संबंधी जनहित याचिका खारिज कर दी है।
उच्चतम न्यायालय ने ’पुनर्नामकरण आयोग’ गठित करने के अनुरोध वाली याचिका पर कहा कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है और हिंदुत्व एक जीवन पद्धति है, जिसने सभी को आत्मसात कर लिया है।
यह भी पढ़ें |
Kisan Andolan: किसानों के आंदोलन पर बोला सुप्रीम कोर्ट- सरकार और किसान बनाएं कमेटी, गुरूवार को फिर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश के इतिहास को उसकी वर्तमान और भावी पीढ़ियों को परेशान नहीं करना चाहिए।
उच्चतम न्यायालय ने ‘पुनर्नामकरण आयोग’ गठिन करने का मकसद पूछते हुए कहा कि यह मुद्दों को जीवंत रखेगा, जिससे देश में तनाव बना रहेगा।
यह भी पढ़ें |
मुकेश अंबानी की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को करेगा सुनवाई, जानिये पूरा मामला
‘‘पुनर्नामकरण आयोग’’ गठित करने की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई थी।
इस याचिका में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों का मूल नाम बहाल करने के लिए एक ‘पुनर्नामकरण आयोग’ गठित करने के वास्ते केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था, जिनका विदेशी आक्रांताओं ने नाम बदल दिया था।