Purvanchal Expressway: पीएम मोदी ने यूपी को दी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की सौगात, उद्घाटन पर संबोधन में कही ये खास बातें

डीएन ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यूपी की जनता को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की सौगात दी। सुल्तानपुर जिले के करवल खीरी में पीएम मोदी 341 किलोमीटर लंबे इस पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया। जानिये इस मौके पर पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते पीएम मोदी
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते पीएम मोदी


सुल्तानपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश की जनता को बहुप्रतीक्षित पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की सौगात दी। सुल्तानपुर जिले के करवल खीरी में पीएम मोदी 341 किलोमीटर लंबे इस पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया। इस एक्सप्रेस-वे को बनाने में 36 महीने का वक्त लगा है। इस एक्सप्रेस-वे के साथ ही इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना भी की जायेगी। उद्घाटन कार्यक्रम में सीएम योगी समेत अन्य नेताओं ने भी शिरकत की।

डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में पढ़िये पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें।

1) हमारे जिन किसान भाई-बहनों की भूमि इस एक्सप्रेस-वे में लगी है, जिन श्रमिकों का पसीना इसमें लगा है, जिन इंजीनियरों का कौशल इसमें लगा है, उनका भी मैं बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। मैं यूपी के ऊर्जावान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, उनकी टीम और यूपी के लोगों को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

2) मुझे मालूम था कि जिस तरह तब की सरकार ने यूपी के लोगों के साथ नाइंसाफी की जा रही है, विकास में भेदभाव किया जा रहा है, जिस तरह सिर्फ अपने परिवार का हित साधा जा रहा है, यूपी के लोग ऐसा करने वाली सरकार को हमेशा-हमेशा के लिए यूपी के विकास के रास्ते से हटा देंगे।

3) गरीबों को पक्के घर मिलें, गरीबों के घर में शौचालय हों, महिलाओं को खुले में शौच के लिए बाहर ना जाना पड़े, सबके घर में बिजली हो, ऐसे कितने ही काम थे, जो यहां किए जाने जरूरी थे। लेकिन मुझे बहुत पीड़ा है, कि तब यूपी में जो सरकार थी, उसने मेरा साथ नहीं दिया।

4) कौन भूल सकता है कि पहले यूपी में पहले कितनी बिजली कटौती होती थी। कौन भूल सकता है कि यूपी में कानून व्यवस्था की क्या हालत थी। कौन भूल सकता है कि यूपी में मेडिकल सुविधाओं की क्या स्थिति थी। यूपी में तो हालात ऐसे बना दिये थे कि यहाँ सड़कों पर राह नहीं होती थी, राहजनी होती थी।

5) पिछले मुख्यमंत्रियों के लिए विकास वहीं तक सीमित था जहां उनका घर था। लेकिन आज जितनी पश्चिम की पूछ है, उतनी ही पूर्वांचल के लिए भी प्राथमिकता है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे आज यूपी की इस खाई को पाट रहा है, यूपी को आपस में जोड़ रहा है।

6) ये भी एक सच्चाई थी कि यूपी जैसा विशाल प्रदेश, पहले एक दूसरे से काफी हद तक कटा हुआ था। अलग अलग हिस्सों में लोग जाते तो थे लेकिन एक दूसरे से कनेक्टिविटी ना होने की वजह से परेशान रहते थे। पूरब के लोगों के लिए लखनऊ पहुँचना भी महाभारत जीतने जैसा होता था।

7) परिणाम ये हुआ कि ज़रूरी सुविधाओं के अभाव में यहां लगे अनेक कारखानों में ताले लग गए। इन परिस्थितियों में ये भी दुर्भाग्य रहा कि दिल्ली और लखनऊ, दोनों ही स्थानों पर परिवारवादियों का ही दबदबा रहा। सालों-साल तक परिवारवादियों की यही पार्टनरशिप, यूपी की आकांक्षाओं को कुचलती रही।

8) एक व्यक्ति घर भी बनाता है तो पहले रास्तों की चिंता करता है, मिट्टी की जांच करता है, दूसरे पहलुओं पर विचार करता है। लेकिन यूपी में हमने लंबा दौर, ऐसी सरकारों का देखा है जिन्होंने कनेक्टिविटी की चिंता किए बिना ही औद्योगीकरण के सपने दिखाए। 










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