देखिये सीबीआई द्वारा चार्जशीटेड, इनामी अपराधी कैसे यूपी में अपने को भाजपा नेता बता लेता है सरकारी सुरक्षा और वीआईपी प्रोटोकाल

डीएन ब्यूरो

फ्रॉड अपना खेल आसानी से कर रहे हैं और यूपी पुलिस जमकर इनके झांसे में आ रही है। यूपी पुलिस कैसे बिना जांच के अफसरों को सरकारी सुरक्षा और वीआईपी प्रोटोकाल दे रही है, इसकी पोल खुल रही है डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में

यूपी एसटीएफ की गिरफ्त में अनूप चौधरी
यूपी एसटीएफ की गिरफ्त में अनूप चौधरी


नई दिल्ली: एक व्यक्ति जो अपने आप को भाजपा का नेता बताता है, एक मामले में सीबीआई द्वारा चार्जशीटेड है, उत्तराखंड राज्य का 15 हजार का घोषित इनामी अपराधी है। तीन राज्यों राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में संगीन धाराओं में 9 एफआईआर दर्ज है। ऐसे अपराधी को सिस्टम में बैठे जिम्मेदार अफसर आंख मूंदकर गनर दे देते हैं। देश के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिन्ह का दुरुपयोग कर फर्जी लेटरपैड के सहारे ई-मेल भेज पुलिस से सरकारी ताम-झाम और सुरक्षा ले लेता हैं। वर्षों से एक फ्राड सिस्टम की आंखों में धूल झोंक रहा है और यूपी पुलिस को कानों-कान खबर तक नहीं हो पाती।

यूपी एसटीएफ ने एक ऐसे ही अपराधी व इसके साथी को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अनूप चौधरी पुत्र जुग्गीलाल, निवासी ग्राम व पो0 पिलखांवा, थाना रौनाही, जनपद अयोध्या तथा फिरोज आलम पुत्र जमीन हसन निवासी ग्राम बेंतवाला, काशीपुर, थाना कुण्डा, जनपद उधमसिंहनगर, उत्तराखण्ड को सोमवार देर रात अयोध्या जिले से गिरफ्तार किया गया है। 

अनूप अपने आप को भाजपा का वरिष्ठ पदाधिकारी बताता है। कहता है कि वह भाजपा की महाराष्ट्र इकाई का अनुसूचित मोर्चे का प्रभारी, भाजपा युवा मोर्चा का बिहार राज्य का सह प्रभारी और भाजपा अनुसचित मोर्चे की राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य रह चुका है। 

यह अपने आपको रेल मंत्रालय की क्षेत्रीय रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति और भारतीय खाद्य निगम का सदस्य बताता है और इसके सहारे वसूली, फ्राड और लोगों को ठगने का खेल करता है। 

फर्जी लेटरहेड को नहीं पकड़ पायी गाजियाबाद पुलिस

प्रधानमंत्री के कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने के नाम पर अनूप विभिन्न राज्यों में सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाता है। सरकारी गेस्ट हाउसों में रुकने से लेकर पुलिस एस्कार्ट तक के लिए यह फर्जीवाड़ा करता है। सलाहकार समितियों के सदस्य को इस तरह की कोई सुविधा अनुमन्य नहीं है, इसके बावजूद यह अपने भ्रमण के नाम पर धोखाधड़ी करता है ताकि लोग इसके प्रभाव में आयें और यह उनसे काम कराने के नाम पर अवैध वसूली कर सके। 

गाजियाबाद पुलिस ने कैसे दी सरकारी सुरक्षा और वीआईपी प्रोटोकाल

गाजियाबाद पुलिस कई वर्षों से इस अपराधी को सरकारी सुरक्षा और ताम-झाम दे रही है, वह भी बिना जांच-पड़ताल के, सिर्फ इसके ओएसडी के एक फर्जी ई-मेल पर। आखिर कैसे तीन-तीन राज्यो में  मुकदमे वाले 15 हजार के इनामी अपराधी को सरकारी गनर और वीआईपी प्रोटोकाल दिया गया जिसके बाद यह फर्जी रुआब गांठने और धोखाधडी करने लगा? 

UP STF द्वारा जारी प्रेस नोट के मुताबिक कल देर रात साढ़े दस बजे मंदिरों में दर्शन के लिए जब यह जा रहा था तभी इसकी स्कार्पियो गाड़ी नं UP 42 AB 1800 को अयोध्या में पकड़ा गया तो आगे की सीट पर गनर बैठा था। वाहन से पवन कुमार नाम का सिपाही उतरा, इसका पीएनओ नं0-062511227 है और इसने अपनी तैनाती जनपद गाजियाबाद में बताई। 

पकड़े गये अनूप पर आरोप है कि आम जनता से ठगी करके इसने करोड़ों रूपये वसूले हैं, इस खेल के लिए इसने बाकायदे एक कंपनी भी बनायी है।  

पकड़े जाने पर ये कहा अपराधी ने

प्रेस नोट के मुताबिक अनूप ने एसटीएफ को बताया कि वह वर्तमान में क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति उत्तर रेलवे एवं भारतीय खाद्य निगम, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण उपभोक्ता मंत्रालय, भारत सरकार का अशासकीय सदस्य है। वर्तमान समय में सेक्टर पांच, वैशाली, जनपद गाजियाबाद में रहता है और जानबूझकर फर्जी तरीके से प्रधानमंत्री द्वारा किये गये कार्यों को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य करने के नाम पर अपनी सुरक्षा के लिये जनपद गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट से गनर लिया है। वह चेन्नई से लखनऊ आया था और अपने वाहन चालक फिरोज आलम और अपने गनर पवन कुमार को गाजियाबाद से लखनऊ बुलाया था। 

ओएसडी के माध्यम से भिजवाता था ई-मेल

अनूप काफी चालाक और शातिर किस्म का है। किसी को शक ना हो और सब कुछ सही दिखे इसके लिए उनसे श्रीनिवास नराला नाम का एक ओएसडी रखा था। इसी ने ई-मेल के जरिये सर्किट हाउस में ठहरने एवं सुरक्षा व्यवस्था हेतु पत्र जिलाधिकारी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/मुख्य चिकित्साधिकारी, अयोध्या को भेजा था, कानूनी तौर अनूप इन सुविधाओं के लिए अधिकृत ही नही है। इन कामों के लिए अनूप ने फर्जी लेटरपैड भी छपवा रखे थे। अपनी इटावा और चेन्नई यात्रा के दौरान इसने जमकर वीआईपी सुविधाओं का मजा काटा। 

दर्ज मुकदमे 
1-    118/2019 धारा-406, 420, 506 भा0द0वि0, थाना विकास नगर, लखनऊ
2-    329/2021 धारा-420, 409, 467, 468 भा0द0वि0, थाना खटीमा, जनपद ऊधमसिंह नगर, उत्तराखण्ड 
3-    213/2022 धारा-420 भा0द0वि0 थाना हलद्वानी, जनपद नैनीताल उत्तराखण्ड 
4-    494/2022 धारा-352, 406, 420, 506 भा0द0वि0 थाना कोतवाली बरेली, जनपद बरेली
5-    669/2022 धारा-420,406,467,468,471,504,506 भा0द0वि0 थाना कैराना, जनपद शामली 
6-    505/2021 धारा- 420, 406 भा0द0वि0 थाना गजरौला, जनपद अमरोहा 
7-    252/2018 धारा-420 भा0द0वि0 थाना श्यामनगर, जयपुर राजस्थान 
8-    मु0अ0सं0 आर0सी0/जे0ए0आई0 2019-एस-0008 धारा 120बी/420 भादवि, सीबीआई, जयपुर, राजस्थान (22 दिसंबर 2020 को CBI ने दाखिल किया आरोप पत्र संख्याः 37/22-12-2020 
9-    414/2023 धारा-419,420,467,468,471,406,323,504,506 भा0द0वि0 थाना नैनी, जनपद प्रयागराज में पंजीकृत कराया गया है। 

उत्तराखंड पुलिस ने थाना खटीमा व थाना हलद्वानी में इस पर दर्ज मुकदमों के आधार पर 15,000 रुपये का पुरस्कार घोषित कर रखा है। 

यूपी एसटीएफ द्वारा गिरफ्तारी के बाद इस पर गिरफ्तार थाना कैण्ट, जनपद अयोध्या में मु0अ0सं0 283/2023 धारा 419/420/467/468/471/120बी भादवि में दर्ज कराया गया है।










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