Bureaucracy: जानें कौन हैं राधा रतूड़ी जो बनीं उत्तराखंड की मुख्य सूचना आयुक्त
उत्तराखंड की प्रशासनिक सेवाओं की एक सफल अधिकारी रहीं राधा रतूड़ी को सेवानिवृत्ति के महज पांच दिन बाद ही एक नई बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी गई है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट

देहरादून: उत्तराखंड की प्रशासनिक सेवाओं में सशक्त नेतृत्व की पहचान बन चुकीं राधा रतूड़ी को सेवानिवृत्ति के महज पांच दिन बाद ही एक नई बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी गई है। राज्य सरकार ने उन्हें उत्तराखंड का मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया है। इस नियुक्ति के साथ ही रतूड़ी ने एक और इतिहास रच दिया है, क्योंकि वह राज्य की पहली महिला मुख्य सूचना आयुक्त बन गई हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस संबंध में सचिव, सामान्य प्रशासन विनोद कुमार सुमन ने नियुक्ति का आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है। राधा रतूड़ी ने इस पद के लिए पहले से आवेदन किया था, जिस कारण उनकी नियुक्ति की संभावनाएं पहले से ही जताई जा रही थीं। अब आदेश जारी होने के साथ ही इन अटकलों पर विराम लग गया है।
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31 मार्च को मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त हुईं राधा रतूड़ी 1992 बैच की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रही हैं। अपने प्रशासनिक कार्यकाल में उन्होंने उत्तराखंड में अनेक महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। खास बात यह रही कि वे उत्तराखंड की पहली महिला मुख्य सचिव भी रहीं और इस पद पर उन्हें दो बार छह-छह महीने का सेवा विस्तार भी दिया गया था।
सूचना आयोग में राधा रतूड़ी की नियुक्ति के साथ-साथ एक और महत्वपूर्ण नियुक्ति हुई है। पूर्व आईपीएस अधिकारी दलीप कुंवर को सूचना आयुक्त के रूप में नामित किया गया है। वे देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) पद से सेवानिवृत्त हुए थे। अब आयोग में योगेश भट्ट और दलीप कुंवर सूचना आयुक्त के रूप में कार्यरत रहेंगे, जबकि राधा रतूड़ी मुख्य सूचना आयुक्त का दायित्व निभाएंगी।
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राधा रतूड़ी का करियर ग्राफ भी बेहद प्रेरणादायक रहा है। मूल रूप से जबलपुर (मध्य प्रदेश) निवासी रतूड़ी ने अपनी शिक्षा पत्रकारिता में पूरी की। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस (मुंबई) और इंडिया टुडे जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में बतौर पत्रकार कार्य किया। इसके बाद 1985-86 में उन्होंने भारतीय सूचना सेवा (IIS) जॉइन की। 1987 में उनका चयन आईपीएस और 1988 में आईएएस में हुआ।
अपने तीन दशकों से अधिक लंबे सेवाकाल में उन्होंने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में अनेक प्रशासनिक पदों पर सेवाएं दीं। उनकी नियुक्ति से यह उम्मीद की जा रही है कि उत्तराखंड सूचना आयोग को एक नया विजन और गति मिलेगी।