राजस्थान के मुकुंदरा हिल्स नेशनल पार्क में गर्भवती बाघिन की मौत, देने वाली थी शावकों को जन्म, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

राजस्थान के मुकुंदरा हिल्स बाघ अभयारण्य (एमएचटीआर) में गंभीर कब्ज से पीड़ित नौ वर्षीय गर्भवती बाघिन की इलाज के दौरान मौत हो गई। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

गर्भवती बाघिन की इलाज के दौरान मौत
गर्भवती बाघिन की इलाज के दौरान मौत


कोटा: राजस्थान के मुकुंदरा हिल्स बाघ अभयारण्य (एमएचटीआर) में गंभीर कब्ज से पीड़ित नौ वर्षीय गर्भवती बाघिन की इलाज के दौरान मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अभयारण्य में यह एक मात्र बाघिन (एमटी-4) थी।

अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि बाघिन एकदम स्वस्थ थी और उसे 27 अप्रैल को अभयारण्य में जानवरों के झुंड का पीछा करते देखा गया था।

उन्होंने बताया कि बाघिन को पहली बार 29 अप्रैल को संभावित पेट दर्द से पीड़ित देखा गया था। इसके बाद रणथंभौर और कोटा के पशु चिकित्सकों की टीम ने 30 अप्रैल को पूरे दिन इसकी देखभाल की और इसे गंभीर कब्ज से पीड़ित पाया।

अधिकारियों ने बताया कि एक मई को बाघिन को बेहोश कर एनीमा दिया गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार एमएचटीआर के फील्ड निदेशक शारदा प्रताप सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए), भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) के विशेषज्ञों और जयपुर, रणथंभौर और कोटा के चिकित्सकों के साथ संयुक्त परामर्श के बाद बृहस्पतिवार को पशु चिकित्सकों की एक टीम इलाज से पहले बाघिन को सुबह 8.54 बजे ट्रांक्विलाइजर (प्रशीतक) का इंजेक्शन दिया गया।

उन्होंने बताया कि बाघिन को सुबह 10.38 बजे होश आया, लेकिन उसकी सांसें अचानक बहुत धीमी हो गईं और बृहस्पतिवार को अपराह्न करीब 1.15 बजे उसकी मौत हो गई।

बृहस्पतिवार शाम को पोस्टमार्टम करने वाली पशु चिकित्सकों की टीम के सदस्य तेजेंद्र रियाद ने बताया कि पोस्टमॉर्टम से पता चला कि बाघिन पूर्ण-कालिक गर्भवती थी और उसके पेट में तीन शावक थे। उन्होंने बताया कि बाघिन को अगले कुछ दिनों में शावकों को जन्म देना था।

उन्होंने बताया, “एमएचटीआर में एक बाघिन नहीं, बल्कि चार बाघों की मौत हुई है।”










संबंधित समाचार