भीलवाड़ा: नेपाल के 50 सदस्यीय शिष्टमंडल ने दो दिवसीय नवग्रह आश्रम की यात्रा की पूरी
समूचे देश में कैंसर रोग निदान केंद्र रूप में ख्याति अर्जित कर चुके भीलवाड़ा जिले के मोतीबोर का खेड़ा में स्थित श्रीनवग्रह आश्रम में शनिवार को नेपाल के 50 सदस्यीय शिष्टमंडल ने पहुंच कर यहां की गतिविधियों का जायजा लिया। डाइनामाइट न्यूज़ विशेष:
भीलवाड़ा: नेपाल के सामाजिक कार्यकर्ता और ब्लागर टीकाराम बुदाथोकी और सामाजिक कार्यकर्ता विष्णु माया लो की अगुवाई में यह शिष्टमंडल शुक्रवार को आश्रम पहुंचा था और दिन भर वहां औषधीय पौधों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। आश्रम संस्थापक हंसराज चोधरी ने बताया कि मई के महीने में उनकी नेपाल यात्रा के दौरान सामाजिक कार्यकर्ताओं और मीडिया के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने के दौरान उनके आमंत्रण को स्वीकार कर यह शिष्टमंडल यहां पहुंचा। इस शिष्टमंडल ने किडनी क्लास में शामिल होकर रोगोपचार की जानकारी ली। संस्थापक चोधरी ने शिष्टमंडल को नवग्रह वाटिका में प्रत्येक औषधीय पौधे से परिचय कराया साथ ही आश्रम की गतिविधियों के बारे में जानकारी और साहित्य उपलब्ध कराया। शनिवार को दल ने केंसर क्लास में बैठकर विस्तार से केंसर निदान के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस दौरान उनके शंकाओं का समाधान भी किया गया।
आश्रम के सुरेंद्र सिंह, प्रवेश आचार्य ने शिष्टमंडल को आश्रम की गतिविधियों से रूबरू कराते हुए यहां पौधों के रखरखाव के लिए किये जा रहे कार्यो को दिखाने के साथ ही यहां के पुस्तकालय, औषध रसायन शाला को भी निरीक्षण कराया। बाद में शिष्टमंडल ने आश्रम के चिकित्सक डा.शिवशंकर राड़, डा. लोकपाल आर्य, डा. प्रदीप चोधरी, श्रीनवग्रह आश्रम सेवा संस्थान के सचिव जितेंद्र चैधरी, महिपाल चोधरी, हरफूल चोधरी, चरणसिंह से भी आश्रम की गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर उनको इस पुनित सेवा कार्य में सदैव अग्रसर होने का आह्वान किया।
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इस दौरान शिष्टमंडल से मुखातिब होते हुए हंसराज चोधरी ने कहा कि नेपाल में हर्बल आयुर्वेदिक औषधियों के लाखों पौधों की भरमार है। केवल उनको जानने व उनको दवा के रूप में पहचानकर लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है। इस दिशा में इस शिष्टमंडल की आश्रम यात्रा कारगर सिद्ध होगी। इन लोगों के प्रत्यक्ष रूप से पौधों की पहचान होने के कारण अब वहां इस दिशा में ठोस कदम उठाये जायेगें।
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उन्होंने जोर देकर कहा कि पहचानने के अभाव में आज टीवी शो व आनलाइन बिजनेस के रूप में हर्बल काउंटर खुल गये है जहां से आम आदमी भ्रमित होकर औषधियों को मंगवा रहा है पर उपचार में उनको कोई लाभ नहीं मिल रहा है। इसका वास्तविक कारण यह है कि इन औषधियों की प्रमाणिकता नहीं है। यह किसी मान्यता प्राप्त रिसर्च सेंटर से जुड़े नहीं है। आम आदमी को इससे बचना होगा तथा रिसर्च सेंटर तक पहुंच कर आयुर्वेद औषधी प्राप्त करने का प्रयास करना होगा तभी सार्थक परिणाम सामने आयेगें। उन्होंने दावा किया हर्बल गार्डन के रूप में नवग्रह आश्रम का दुनियां में कोई मुकाबला नहीं है क्योंकि वहां पर कुल 411 प्रकार के औषधीय पौधे उपलब्ध है।
नेपाल के सामाजिक कार्यकर्ता व ब्लागर टीकाराम बुदाथोकी ने कहा कि वो लंबे समय से सामाजिक क्षेत्र में काम कर रहे है, इसमें उनकी प्राथमिकता दीन हीन लोगों को उपचार की सेवा उपलब्ध कराना प्राथमिकता से शामिल है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस यात्रा के माध्यम से चिकित्सा के क्षेत्र में भारत व नेपाल के मध्य सामाजिक संबंध प्रगाढ़ होगें तथा नेपाल के लोगों को रोगोपचार का लाभ मिलेगा। आश्रम के कार्य देख कर उनको प्रेरणा मिली है जिससे वो अब ज्यादा उत्साह से सेवा कर सकेगें। उन्होंने कहा कि नवग्रह आश्रम के माध्यम से मानवता की जो सेवा की जा रही है उस अलख को वो अब नेपाल में जागृत करेगें।
यह शिष्टमंडल शनिवार को नेपाल के लिए रवाना हो गया। समूचा शिष्टमंडल नेपाल के काठमांडू से सीधे वहीं की बस लेकर आश्रम पहुंचे थे। करीब 2740 किलोमीटर की उनकी यह यात्रा आयुर्वेद के विकास व केंसर रोग के निदान के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।