17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने पर मायावती ने साधा निशाना, कहा-धोखा दे रही सरकार
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने को लेकर राज्य की योगी सरकार पर निशाना साधा है।
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने को लेकर राज्य की योगी सरकार पर निशाना साधा है। सोमवार को मायावती ने कहा कि योगी सरकार का यह आदेश पूरी तरह से गैर कानूनी और असंवैधानिक है। जब सरकार जानती है कि इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति का लाभ नहीं मिल सकता है तो सरकार ने ऐसा फैसला क्यों किया? इससे साफ है कि योगी सरकार ने सपा सरकार की तरह इन 17 जातियों को धोखा देने के लिए ये आदेश जारी किया है।
Mayawati on UP Govt adds 17 OBC castes in SC category: Our party had written to the then Congress government at Centre in 2007 that these 17 castes be added to SC category & that SC category reservation quota be increased. (1/2) pic.twitter.com/z3ddVSXY7c
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— ANI UP (@ANINewsUP) July 1, 2019
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि राज्य सरकार ने यह कदम उठाकर अनुसूचित जातियों के साथ धोखा किया है, क्योंकि इस निर्णय से वे किसी भी श्रेणी का लाभ प्राप्त नहीं करेंगे। यूपी सरकार उन्हें ओबीसी भी नहीं मानेंगी।मायावती ने कहा कि इस फैसले से इन 17 जातियों को एससी से संबंधित लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि कोई भी राज्य सरकार उन्हें अपने आदेशों के माध्यम से किसी भी श्रेणी में नहीं डाल सकती है या उन्हें हटा नहीं सकती है।
Mayawati: So that benefits received by castes in SC category don't diminish & the 17 castes that'll be added to the category also receive benefits.Had made such demands in past. Saddening that neither current govt at Centre nor the then govt at Centre did anything about it (2/2) pic.twitter.com/zaDycMCWcq
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— ANI UP (@ANINewsUP) July 1, 2019
मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी ने 2007 में केंद्र में तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लिखा था कि इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में जोड़ा जाए और अनुसूचित जाति श्रेणी का आरक्षण कोटा बढ़ाया जाए।इससे अनुसूचित जाति वर्ग में जातियों को मिलने वाले लाभ कम नहीं होता और जिन 17 जातियों को अनुसूचित जाति श्रेणी में जोड़ा जाता, उन्हें भी लाभ मिलता रहता। पहले भी इस तरह की मांग होती रही है, लेकिन केंद्र में न तो वर्तमान सरकार और न ही पहले की सरकारों ने इस बारे में कुछ किया।
बता दें कि योगी सरकार ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का बड़ा फैसला किया है। हालांकि, हाईकोर्ट में दायर एक याचिका की वजह से इन 17 जातियों को जारी होने वाले जाति प्रमाण पत्र हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन होंगे। फैसले से सूबे की सियासत में हलचल मच गई है।