

गर्भावस्था में मलेरिया अत्यधिक खतरनाक हो सकता है। इसे रोकने के लिए मच्छरों से सुरक्षासाफ-सफाई और डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: प्रेग्नेंसी का समय महिलाओं के लिए बहुत ही संवेदनशील होता है। इस दौरान शरीर में हार्मोनल और इम्यून सिस्टम से जुड़े कई महत्वपूर्ण बदलाव होते हैं जिससे वे विभिन्न बीमारियों के खिलाफ अधिक संवेदनशील हो जाती हैं। इनमें से एक सबसे खतरनाक बीमारी है मलेरिया। हालांकि मलेरिया किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए यह विशेष रूप से घातक हो सकता है। मलेरिया का प्रभाव न केवल मां पर बल्कि बच्चे पर भी गंभीर परिणाम डाल सकता है। आइए जानते हैं कि गर्भावस्था में मलेरिया किस प्रकार खतरनाक हो सकता है और इससे बचाव के उपाय क्या हैं।
गर्भावस्था में मलेरिया के अधिक खतरनाक होने के कारण
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। इस स्थिति में मलेरिया का परजीवी आसानी से शरीर में फैल सकता है जिसके चलते कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसके परिणामस्वरूप गर्भपात जैसे जोखिम भी उत्पन्न हो सकते हैं।
गर्भावस्था में मलेरिया होने के संभावित खतरें
मच्छरों से सुरक्षा:
रात को सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। घर में मच्छर भगाने वाले लिक्विड या क्रीम का प्रयोग करें। हमेशा फुल बाजू के कपड़े पहनें और शाम के समय बाहरी गतिविधियों से बचें। अगर बाहर जाना जरूरी हो तो सावधानी बरतें।
साफ-सफाई का ध्यान रखें:
जल भंडारण वाले स्थान जैसे कूलर और गमले को नियमित रूप से साफ करें ताकि मच्छरों का प्रजनन न हो सके। इन स्थानों पर मच्छरों की संख्या बढ़ सकती है और वे खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
डॉक्टर से सलाह लें:
गर्भावस्था के दौरान नियमित मेडिकल चेकअप कराना न भूलें। मलेरिया की रोकथाम के लिए दवाओं के बारे में चिकित्सक से सलाह लें। कुछ क्षेत्रों में प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट अनिवार्य होता है इसलिए लापरवाही न करें। बुखार होने पर खुद से दवा न लें हमेशा डॉक्टर से संपर्क करें।
स्वास्थ्य सुरक्षा में सजगता:
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार मलेरिया एक सामान्य बीमारी नहीं है खासकर प्रेगनेंसी के दौरान। इसके खिलाफ सावधानी बरतना आवश्यक है। सही समय पर जांच और इलाज से मां और बच्चे दोनों को सुरक्षित रखा जा सकता है।