महराजगंज: निशवां मदरसा में जांच अधिकारी की संदिग्ध भूमिका से लोगों में आक्रोश

डीएन संवाददाता

मदरसे को लेकर की गयी शिकायतों को जांच में सही पाये जाने के बाद भी कार्यवाही न होने पर स्थानीय लोगों द्वारा कई तरह के सवाल उठाये जा रहे हैं। जांच अधिकारी की संदिग्ध भूमिका को लेकर भी जनता में भारी आक्रोश है। जांच अधिकारी के खिलाफ भी जांच की मांग जोर पकड़ने लगी है।

निशवां मदरसा (फाइल फोटो)
निशवां मदरसा (फाइल फोटो)


महराजगंज: जिले के पनियरा ब्लॉक में स्थित निशवां मदरसा के खिलाफ जालसाजी कर मान्यता लेने की शिकायत को विभागीय जांच में सही पाये जाने के बाद भी मदरसे की मान्यता रद्द न करने पर बड़े सवाल उठाये जा रहे है। इस मामले में मदरसा समेत जालसाजों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही न होना लोगों के गले नहीं उतर रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि जांच अधिकारी की मेहरबानी के कारण ही यह मामला लटका हुआ है। जांच अधिकारी की संदिग्ध भूमिका को लेकर अब आम जनमानस में आक्रोश ब्याप्त होता जा रहा है और जांच अधिकारी के खिलाफ भी जांच की मांग उठती जा रही है।  

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गुटबाजी से अधिकारी का जमकर फायदा

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शिकायतों के सही पाये जाने के बाद मदरसे के खिलाफ कार्यवाही न होने को लेकर सूत्रों का कहना है कि इस मामले में जिला अल्पसंख्यक अधिकारी मोटी रकम लेकर मामले को रफा-दफा करना चाहते है। मदरसे के दूसरे गुट ने भी अधिकारी पर इस तरह के आरोप लगाये हैं। सूत्रों की माने तो मदरसे में दो गुटों का फायदा उठाते हुए अधिकारी द्वारा अब लाखों रुपए वसूले जा चुके है, जिस कारण मदरसे के खिलाफ कार्यवाही नहीं हो सकी। बताया जाता है कि प्रबन्ध कमेटी के एक गुट के लोग मदरसे के पक्ष में काम करने के लिए तो दूसरा गुट कार्यवाही करने के लिए लाखों रूपये उक्त अधिकारी तक पहुँचाते है। लोगों का कहना है अब अधिकारी की संदिग्ध भूमिका की भी जांच की जानी चाहिये। 

विवाद और जालसाजी का कर्ताधर्ता 

पनियरा में स्थित निशवां मदरसे के विवाद और जालसाजी का कारण नेहाल खां नामक ब्यक्ति बताया जाता है। नेहाल का पनियरा मदरसे व पनियरा से पुराना नाता है। मदरसे के प्रबंधक रहे स्व. जया खां की लंबी प्रॉपर्टी है, वह जया खां का करीबी था, जिसके कारण उसकी उनके परिवार में अच्छी पटती थी। जया खां की कोई संतान नही थी। जया की मौत के बाद नेहाल मदरसे पर हावी हो गया और उनकी पत्नी नसीमा को मदरसे का प्रबन्धक बनवा कर बागडोर अपने हाथों में ले ली। बाद में नेहाल ने जालसाजी करके अपनी पत्नी को उक्त मदरसे का प्रिंसिपल भी बनवा दिया। जिससे विवाद धीरे धीरे बढ़ता ही गया। जब उसने अपनी पत्नी को प्रिंसिपल बनवा दिया तो क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश बढ़ता गया। गोरखपुर निवासी एक मामूली  ब्यक्ति का बड़ा औहदा मदरसे से जुड़े पुराने लोगों को खलने लगा, जिससे मदरसे में गुटबाजी शुरू हुई। 

नियुक्तियों पर वसूले गये करोडों रूपये

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लोगों की माने तो विवादित निशवां मदरसे में लगभग डेढ़ दर्जन पदों पर नियुक्ति के नाम पर करोड़ों रुपये वसूला गया, जिसकी सारी डीलिंग व लेनदेन नेहाल के हाथों ही की गयी। इसको लेकर एक अभ्यर्थी से 15-15 लाख की वसूली तक की गई। लेकिन दूसरी तरफ पैसा लेकर भी कुछ अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं की गयी। 

जांच हो तो नपेंगे कई लोग 

पनियरा निवासी एक ब्यक्ति ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि नियुक्ति के नाम पर उसने गोरखपुर निवासी नेहाल खां को 15 लाख रुपए कर्ज पर लेकर दिया था, लेकिन इसके बावजू धी नियुक्ति नही हुई और पैसा भी वापस नहीं मिल रहा है। उल्टे उसे धमकी दी जाती है। पीड़ित ने यह भी बताया कि कई लोगों का पैसा उक्त ब्यक्ति के पास फंसा है, यह भी एक अलग जांच का विषय है। कुल मिलाकर मदरसे के नाम पर लाखों के वारे-न्यारे किये गये लेकिन कार्यवाही कि सिफर होना कई बड़े सवाल पैदा करता है। माना जा रहा है कि भलिभांति जांच होने पर इस मामले में कई लोग फंस सकते हैं। 
 










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