Maharashtra Political Crises: महारष्ट्र में उद्धव और एकनाथ शिंदे के बीच सियासी जंग पर जानिए सुप्रीम कोर्ट का पूरा फैसला
महाराष्ट्र की सियासत को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसाल सामने आया। कोर्ट ने इस मामले को बड़ी बेंच में भेज दिया है। पढ़ें सुप्रीम कोर्ट की पूरी सुनवाई डाइनामाइट न्यूज़ पर
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार को लेकर चले मामले में अपना फैसला सुनाते हुए इस मामले को बड़ी बेंच में भेज दिया है। एक तरह से मामले को फिलहाल के लिए हाल दिया गया है।
कोर्ट के इस फैसले के साथ फिलहाल एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सीएम पद पर बने रहेंगे।
चीफ जस्टिस ने कहा, नबाम रेबिया मामले में उठाए गए सवाल को बड़ी बेंच में भेजना चाहिए। क्योंकि उसमे और स्पष्टता की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा:
1. कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मुद्दों पर अध्ययन की जरूरत है कि क्या विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के प्रस्ताव से उनके अयोग्यता नोटिस जारी करने के अधिकार सीमित हो जाएंगे या नहीं।
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2. कोर्ट ने शिंदे गुट के भरत गोगावाले को शिवसेना पार्टी का सचेतक नियुक्त करने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को गैरकानूनी बताया।
3. कोर्ट ने कही- विधानसभा अध्यक्ष ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि सुनील प्रभु या भरत गोगावाले में से राजनीतिक दल का अधिकृत सचेतक कौन है
4. कोर्ट ने महाराष्ट्र राजनीतिक विवाद पर कहा कि-विधानसभा अध्यक्ष को केवल राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त सचेतक को मान्यता देनी चाहिए
5. महाराष्ट्र विवाद पर कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल ने जिस प्रस्ताव पर भरोसा किया उसमें यह संकेत नहीं था कि विधायक समर्थन वापस लेना चाहते हैं, उसमें सदन में शक्ति परीक्षण कराने के लिए भी कोई बात नहीं थी।
6. कहा ने कहा- शिवसेना विधायकों के एक धड़े के उस प्रस्ताव को मानने के लिए राज्यपाल को गलत ठहराया जिसमें कहा गया कि उद्धव ठाकरे के पास बहुमत नहीं रहा।
7. कोर्ट ने कहा- उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री के रूप में बहाल नहीं किया जा सकता क्योंकि उन्होंने सदन में बहुमत साबित होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।
8. कोर्ट ने कहा कि एमवीए सरकार को बहाल करने का आदेश देकर पूर्व की स्थिति नहीं लाई जा सकती क्योंकि तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकरे ने शक्ति परीक्षण का सामना नहीं किया।
9. कोर्ट ने कहा- राज्यपाल ने सदन में सबसे बड़े दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के, दावा पेश करने पर एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करके सही फैसला किया