DN Exclusive: क्या पाकिस्तान में फंसा महराजगंज जिले का युवक हो पायेगा रिहा? जबाब देखिये यहां, पत्नी और मां ने कही ये बात

डीएन ब्यूरो

डाइनामाइट न्यूज़ ने कल महराजगंज के उन दो युवकों की न्यूज़ स्टोरी के ब्रेक किया था, जो गलती से पाकिस्तान के कब्जे में फंसे हुए गये हैं। क्या पाकिस्तान में फंसे महराजगंज जिले के दो युवक रिहा हो सकेंगे? जानिये डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में क्या बोली पीड़ित पत्नी और मां



महराजगंज: गुजरात में काम करने गये जनपद के धानी ब्लॉक निवासी दो लोग अलग-अलग मौकों पर गलती से पाकिस्तानी सीमा के पास जा पहुंचे थे, जिसके बाद से दोनों ही पाकिस्तानी कब्जे में है। समये बीतने के साथ ही महराजगंज में रहने वाले उनके परिजनों की चिंता भी बढ़ती जा रही है। यहां महराजगंज में दोनों लोगों के पीड़ित परिजनों ने डाइनामाइट न्यूज़ से बात करके दोनों की पूरी कहानी बतायी और सरकार व शासन से दोनों की शीघ्र रिहाई की मांग की है।

पाकिस्तान के कब्जे में दोनों को जल्द मुक्त कराने और उनकी कुशल घर वापसी के लिये जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया जा चुका है लेकिन अब तक कोई राहत भरा परिणाम सामने नहीं आया।    

पाकिस्तानी कब्जे में जो दो युवक फंसे हैं, उनके नाम बबलू साहनी और उमेश चंद्र हैं। दोनों अलग-अलग मौकों पर पाकिस्तानी सीमा के पास गये थे। फंसे धानी ब्लॉक के ग्राम बरगाहपुर के टोला रामफल जोत निवासी बबलू साहनी की मां और धानी ब्लॉक के ही उमेश चंद्र की पत्नी ने डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत कर सरकार से उनकी शीघ्र रिहाई की मांग की है।

बबलू साहनी

बृजमनगंज थाना क्षेत्र के ग्राम सभा बरगाहपुर टोला रामफल जोत के का एक मजदूर उमेश चन्द्र सहानी है, जो गुजरात शहर के समुद्र में शिकार माही का कार्य कर रहे था। वह एक दिन अचानक समुद्र में रास्ता भटक गया और पाकिस्तान बार्डर पर पहुंच गया। बताया जाता है कि उमेश चंद्र को पाकिस्तान की सेना जेल में डाल दिया।

उमेश चन्द्र

ग्राम सभा बरगाहपुर टोला रामफल जोत के ही बबलू सहानी भी लगभग दो माह पूर्व शिकार माही करते हुऐ पाकिस्तान की सीमा में गलती से प्रवेश कर गया। वहां की नेवी ने उनको गिरफ्तार कर लिया। बबलू सहानी की माँ का रो-रोकर बुरा हाल है। उनकी माँ अपने लाल के इन्तजार में बदहवास होती जा रही है। 

डीएम को दिया गया ज्ञापन 

उमेश चन्द्र की पत्नी मंजू देवी ने कहा कि जब बच्चे पूछते है पापा कहाँ है और कब आयेगें तो सोचने के बाद कलेजा फट जाता है। हम लोगों की शासन और प्रशासन से यही मांग है कि वे सकुशल हमारे घर वापस पहुँच जाएं।

डीएम को दिया गया ज्ञापन 

दोनों लोगों के पाकिस्तानी कब्जे में होने की खबर से पूरा गाँव ही नहीं बल्कि पूरा धानी क्षेत्र उनकी वापसी की आस में बैठे है। वही क्षेत्र का कोई जनप्रतिनिधी इस मामले में कोई रूची नहीं ले रहा है।










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