महराजगंज: बृजमनगंज थाने के अंदर गरीबों की क्रूर तरीके से पिटाई के 17 दिन बाद एसपी का बयान आया सामने

शिवेन्द्र चतुर्वेदी/राहुल पांडेय

महराजगंज जिले में मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाते हुए गरीबों की भयानक पिटाई से जिले का मानवीय चेहरा शर्म से तार-तार हो गया है। सुशासन के दंभ में चूर महराजगंज पुलिस प्रशासन के बड़े अफसरों के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि घटना की जानकारी और कार्यवाही में सत्रह दिन क्यों लगे? यदि पुलिसिया कस्टडी में दोनों गरीबों की पिटाई से मौत हो जाती तो क्या जवाब देते बड़े अफसर?



महराजगंज: बृजमनगंज थाने में पुलिसिया कस्टडी में गरीबों की भयानक पिटाई के मामले में सत्रह दिन बाद महज सिपाही को निलंबित कर पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवान ने अपना पिंड छुड़ा लिया है। जांच के नाम पर सीओ को निर्देशित कर अन्य आरोपियों को बचाने का खेल शुरु हो गया है। 

यह भी पढ़ेंः महराजगंज में पुलिस का क्रूर चेहरा आया सामने, गरीबों को पट्टे से पीटते हुए वीडियो वायरल, थानेदार पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं?

बड़ा सवाल यह है कि घटना की जानकारी और कार्यवाही में सत्रह दिन क्यों लगे? यदि पुलिसिया कस्टडी में दोनों गरीबों की पिटाई से मौत हो जाती तो क्या जवाब देते बड़े अफसर? 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक यह वीडियो एक अप्रैल का है। बृजमनगंज थाना क्षेत्र में दो पक्षों में हुई मारपीट के बाद थाने पर सिपाही परमहंस गौड़ ने बेरहमी से पीटा था एक पक्ष के दो लोगों को। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल न होता तो क्या इस वीभत्स घटना को भी पचा जाती महराजगंज पुलिस? क्या अकेले सिपाही है दोषी? 

हैरान करने वाली बात ये है कि घटना को सत्रह दिन बीत गये लेकिन जिले की एलआईयू से लेकर के जिले के पुलिस महकमे के आला-अधिकारी घटना को दबाये रहे, जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया तब जाकर एसपी रोहित सिंह सजवान ने अपना एक वीडियो जारी किया और जानकारी दी कि मामले में सिपाही को निलंबित किया गया है औऱ आगे की जांच सीओ से करायी जा रही है। जो भी दोषी होगा उसे दंडित किया जायेगा।










संबंधित समाचार