महराजगंज में पुलिस का क्रूर चेहरा आया सामने, गरीबों को पट्टे से पीटते हुए वीडियो वायरल, थानेदार पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं?

शिवेन्द्र चतुर्वेदी/राहुल पांडेय

महराजगंज जिले में किस तरह मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाते हुए लोगों की भयानक पिटाई की जा रही है। इसकी एक ज्वलंत बानगी सामने आय़ी है। आय़े दिन पुलिसिया कस्टडी में फरियादियों की मौत की खबर आती है। जिस पर उच्च अफसर दिशा-निर्देश भी देते हैं लेकिन महराजगंज पुलिस को इन सबसे कोई मतलब नहीं। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:



महराजगंज: बृजमनगंज थाने की पुलिस ने बेरहम होकर निर्ममता से पट्टे से की दो गरीबों की पिटाई की है। सोशल मीडिया पर थर्ड डिग्री का वीडियो वायरल होने के बाद सिपाही परमहंस गौड़ को निलंबित किया गया है लेकिन अभी भी थानेदार पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी है, जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। 

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक यह वीडियो एक अप्रैल का है। बृजमनगंज थाना क्षेत्र में दो पक्षों में हुई मारपीट के बाद थाने पर सिपाही परमहंस गौड़ ने बेरहमी से पीटा था एक पक्ष के दो लोगों को। बड़ा सवाल- कार्यवाही में क्यों लगे पुलिस को सत्रह दिन? वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल न होता तो क्या इस वीभत्स घटना को भी पचा जाती महराजगंज पुलिस? अब तक थानेदार पर क्यों नहीं हुई कोई कार्यवाही? क्या अकेले सिपाही है दोषी? 

हैरान करने वाली बात ये है कि घटना को सत्रह दिन बीत गये लेकिन जिले की एलआईयू से लेकर के जिले के पुलिस महकमे के आला-अधिकारी घटना को दबाये रहे, जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया तब जाकर एसपी रोहित सिंह सजवान ने अपना एक वीडियो जारी किया और जानकारी दी कि मामले में सिपाही को निलंबित किया गया है औऱ आगे की जांच सीओ से करायी जा रही है। जो भी दोषी होगा उसे दंडित किया जायेगा।

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सबसे बड़ा सवाल जिले में पुलिस की आम जनता के प्रति विश्वसनीयता को लेकर उठ खड़ा हुआ है कि आखिर अब तक एसपी ने थानेदार पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की? क्या एसपी जांच के नाम मामले को लटकाते हुए अन्य दोषियों को बचाना चाहते हैं? आखिर कब तक सीओ अपनी आगे की जांच पूरी करेंगे? क्या समय सीमा है? यदि पुलिसिया कस्टडी में पीड़ित की मौत हो जाती तो उसका जिम्मेदार कौन होता? 










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