पुलिस-व्यापारी लूट कांड: दो खलनायकों ने रची कारोबारियों से लूट की साजिश, एक करोड़ों का मालिक तो दूसरा मुखबिर
महराजगंज के दो सराफा व्यापारियों से लाखों की नकदी और सोने-चांदी के जेवरात के लूटकांड में दबोचे गये दो आरोपी महराजगंज जनपद के रहने वाले है। इन दोनों की करतूत जानकर हर जिला वासी हैरान है। एक आरोपी करोड़ों का मालिक तो दूसरा खेती-किसानी और पोर्टल में काम करता है। डाइनामाइट न्यूज एक्सक्लूसिव:
महराजगंज: जनपद के दो सराफा व्यापारियों से लूटकांड में गोरखपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये 6 आरोपियों में से दो आरोपी खुद ही महराजगंज जनपद के निवासी है। लूटकांड में दबोचे गये दो अभियुक्त दुर्गेश अग्रहरी और शैलेश यादव जनपद के निचलौल और ठूठीभारी क्षेत्र के निवासी है। मामले का राजफाश होने पर पुलिस ने दोनों को यहीं से उठाया था। पुलिस द्वारा इस मामले में कुल 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें उक्त दो के अलावा धर्मेन्द्र यादव यूपी पुलिस में बतौर दरोगा (सब-इंस्पैक्टर) तैनात है। जबकि महेन्द्र यादव और संतोष यादव भी यूपी पुलिस में बतौर सिपाही (आरक्षी) तैनात हैं। एक अन्य देवेन्द्र यादव ड्राइवर है।
दुर्गेश अग्रहरी और शैलेश यादव की बड़ी भूमिका
महाराजगंज के निचलौल निवासी दो सर्राफा कारोबारी दीपक वर्मा और रामू वर्मा से गोरखपुर में हुई लूटकांड का मास्टरमाइंड भले ही यूपी पुलिस का दारोगा धर्मेन्द्र यादव हो लेकिन जिले के ही निचलौल और ठूठीबारी के रहने वाले दुर्गेश अग्रहरी और शैलेश यादव ने इस मामले में ‘घर के भेदी लंका ढावे’ वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए इस लूट में बड़ी भूमिका निभाई और अपने ही क्षेत्र के कारोबारियों को लूट का शिकार बनाया। पैसा कमाने के इस शार्टकट ने अब दोनों को सलाखों के पीछे धकेल दिया है।
शैलेश यादव ने की मुखबिरी, पोर्टल में करता है काम
इस लूटकांड के एक आरोपी शैलेश यादव ने इस केस में मुखबिरी की जबरदस्त भूमिका निभाई। शैलेश यादव एक पोर्टल में काम करता है और खुद को एक पत्रकार बताता है। इसके साथ ही वह खेतीबाड़ी करता है। जल्द अमीर बनने की चाह में उसने सर्राफा कारोबारियों की पूरी जानकारी दरोगा धर्मेन्द्र यादव तक पहुंचाई और लूट को अंजाम तक पहुंचाने के लिये दोनों कारोबारियों की पल-पल की जानकारी रखी। माना जा रहा है कि शैलेश यादव को सर्राफा कारोबारियों के पास नकदी और ज्वैलरी होने की पूरी सूचना थी, जिसकी जानकारी वह गैंग के सरगना धर्मेन्द्र यादव को समय-समय पर देता रहा। शैलेष ठूठीबारी के ईटहियां का रहने वाला है।
कैसे बुरा बना शैलेष, किसी को नहीं जानकारी
शैलेष ने स्नातक तक की पढ़ाई की है और वह एक पोर्टल में पत्रकार के तौर पर भी काम करता है। शैलेश के पिता की 13 साल पहले मौत हो गई थी। खेती-बाड़ी करने वाले शैलेष के पास अच्छी खासी जमीन और मकान पक्का है। उसके दो बेटी और एक बेटा है। वह लूटकांड में संलिप्त पाये जाने के बाद उसके मौहल्ले को लोगों को उसकी करतूत पर भरोसा नहीं हो रहा है। उसके जानने वाले कहते हैं कि शैलेष अच्छा आदमी है, वह बुरा कैसे बना, इसकी किसी को कोई जानकारी नहीं है।
दुर्गेश अग्रहरि है प्रॉपर्टी डीलर
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इस लूटकांड में गिरफ्तार किया गया दूसरा आरोपी दुर्गेश अग्रहरि निचलौल कस्बे के मारवाड़ी वार्ड मौहल्ले का निवासी है। वह प्रॉपर्टी डीलर और बेहद शातिर किस्म का व्यक्ति बताया जाता है। नौंवी तक पढ़ा-लिखा और दो बच्चों के बाप दुर्गेश और उसके परिवार के लोगों के नाम पर करोड़ों की संपत्ति है। बताया जाता है कि पढ़ाई-लिखाई में उसका मन नहीं लगता था इसलिये वह जल्दी ही पिता के लकड़ी के कारोबार में हाथ बंटाने लगा।
कम समय में कमाई करोड़ों की संपत्ति
दुर्गेश अग्रहरि ने भी जल्द अमीर बनने की चाहत में प्रापर्टी डीलर का काम शुरू किया और छोटे ही समय में इससे करोड़ों की संपत्ति जुटा ली। निचलौल तहसील के बगल में जमीन बेचने के काम में लगे दुर्गेश को आलीशान जिंदगी जीने का शौक रहा है। वह लग्जरी गाड़ियों का भी शौकीन बताया जाता है। अकूत पैसों और संपत्ति के लालच में दुर्गेश इतना बड़ा अपराध करेगा, इसका किसी को अंदाजा भी न था।
हर कोई हैरान, पैसे कमाने का शार्टकट ले गया जेल
सर्राफ लूटकांड में महराजगंज के दुर्गेश अग्रहरि और शैलेष यादव की गिरफ्तारी को लेकर उनके क्षेत्र के लोगों को भारी हैरानी है। किसी को भी भरोसा नहीं कि दोनों इस तरह किसी बड़ी लूटकांड में शामिल होंगे। लेकिन यह सच है कि पैसे कमाने का शार्टकट आखिर दुर्गेश और शैलेष को काफी महंगा पड़ा और पुलिस द्वारा दबोच लिये गये। दुर्गेश और शैलेष समेत पुलिस सभी आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर के तहत कार्रवाई करने की बात कह चुकी है।