महराजगंज से बड़ी ख़बर: घुघुली के पूर्व प्रमुख के घोटाले के मामले में डीएम ने दिए 2 करोड़ वसूली के आदेश
विकास कार्यों के नाम पर करोडों रुपयों की बंदर बांट को छुपाने के भले ही लाख प्रयास हों, लेकिन यदि प्रशासनिक इच्छाशक्ति मजबूत हो तो हर राज से पर्दा उठ ही जाता है। महराजगंज के जिलाधिकारी ने भी कुछ इसी तरह का रूख अख्तियार करते हुए घुघुली ब्लॉक के पूर्व प्रमुख से संबंधित 2 करोड़ रूपये से अधिक के घोटाले में रिकवरी के सख्त आदेश दिये हैं। डीएम के इस आदेश से राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गयी है।
महराजगंज: जिले में लंबे समय तक चर्चा में रहे घुघुली ब्लाक के पूर्व प्रमुख से जुड़े 2 करोड़ से अधिक के घोटाले को लेकर जिलाधिकारी वीरेन्द्र सिंह ने सख्त रूख अपनाते हुए आरोपियों के खिलाफ रिकवरी आदेश जारी किया है। ब्लाक के जिन कार्यों में यह घोटाला किया गया उनमे प्रमुख तौर पर मनरेगा, राज्य वित्त और बीजीआरएफ से जुड़े काम है। जांच के बाद इन कामों में कई बड़ी आर्थिक अनियमिततायें सामने आयी। डीएम के रिकवरी आदेश से मामले से जुड़े राजनीतिक लोगों में खलबली मच गयी है। जबकि जनता ने जिलाधिकारी के इस आदेश का स्वागत किया है।
2 करोड़ 2 लाख 3 हजार 317 रूपये की रिकवरी
जिलाधिकारी ने जिस मामले में यह महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, वह मामला सरकारी पैसों के दुरूपयोग से जुड़ा हुआ है। इस मामले में विकास कार्यों के नाम पर 2 करोड़ 2 लाख 3 हजार 317 रूपये का घोटाला किया गया था। जिलाधिकारी ने इतनी ही अमानत का रिकवरी नोटिस आरोपियों को दिया है।
रुपयों की बंदरबांट, अधिकारियों की मिलीभगत
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घोटाले की यह कहानी साल 2010 से 2015 के बीच की है, जब घुघुली ब्लाक की प्रमुख सुशीला देवी होती थी। बताया जाता है कि उनके कार्यकाल में जिले में यह बड़ा घोटाला हुआ और विकास कार्यों के लिये आये सार्वजनिक रुपयों की खूब बंदरबांट की गयी। जिले में इस घोटाले की काफी चर्चा हुई और इसकी जांच को लेकर कई अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आयी। नेताओं ने भी इस घोटाले पर पर्दा डालने का खूब प्रयास किया।
63 कार्यो की जाँच, पत्रावली में टेंडर नहीं
जिले के घुघुली ब्लॉक में जिला विकास अधिकारी के पत्र (संख्या 32/एस टी/2015- 16) तिथि 13 अप्रैल 2016 से पाये गए जाँच समिति की आख्या के अनुसार घुघुली ब्लॉक में राज्य विधि आयोग के अंतर्गत 2012-13 से 2014-15 तक कराये कुल 63 कार्यो की जमीनी जाँच करायी गयी। जाँच समिति ने 1 अप्रैल 2016 को स्पष्ट किया कि किसी पत्रावली में टेंडर नहीं किया गया और सिर्फ कोटेशन के आधार पर सामानों की आपूर्ति की गई, जो बड़ी वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है।
ब्लॉक प्रमुख के प्रतिनिधि को भुगतान
जांच में यह भी सामने आया कि 90 फीसदी कार्यो हेतु रकम का भुगतान ओमप्रकाश जायसवाल (पटखौली घुघुली) को किया गया, जो कि ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि हैं। इसके अलावा इस मामले में कई और वित्तीय अनियमिततायें पायी गयी।
पूर्व प्रमुख, बीडीओ और कार्य प्रभारी से रिकवरी
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जांच रिपोर्टों के आधार पर जिलाधिकारी महराजगंज ने इन घोटालों के मामले में 2 करोड़ 2 लाख 3 हजार 317 रुपयो का रिकवरी का आदेश जारी किया है। यह रिकवरी पूर्व प्रमुख के अलावा बीडीओ और कार्य प्रभारी से भी की जायेगी।
पूर्व प्रमुख प्रतिनिधि ने कहा- सरासर अन्याय
घुघुली के पूर्व ब्लाक प्रमुख के प्रतिनिधि ओम प्रकाश जायसवाल ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि जो 49 फाइलें डीपीआरओ के आफिस से गायब हुई हैं, उन्हीं का रिकवरी का आदेश हुआ है। फाइल को खोजा भी नहीं गया, जो हमारे साथ सरासर अन्याय है।