महराजगंज: गैर लाइसेंसी निजी अस्पतालों के खिलाफ जिलाधिकारी ने उठाया यह सख्त कदम, कल की कार्रवाई के बाद जिलेभर में मचा है हड़ंकप

जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार झा के निर्देशों पर जनपद में कल की गई कार्रवाई के बाद हड़कंप मचा हुआ है। गैर लाइसेंसी निजी अस्पतालों के खिलाफ प्रशासन ने कई और सख्त कदम उठाने के निर्णय लिये हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 22 April 2022, 5:58 PM IST
google-preferred

महराजगंज:  जनपद में अनधिकृत और गैर लाइसेंसी निजी अस्पतालों के खिलाफ मिली शिकायतों के बाद जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार झा ने  जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीमों का गठन कर जांच व कार्यवाही के सख्त निर्देश दिये है। डीएम के निर्देशों पर अस्पतालों में कल की गई छापेमारी के बाद से जिले भर के अस्पताल संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले गैर लाइसेंसी निजी अस्पतालों को आने वाले दिनों में इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

डीएम के निर्देशों पर जनपद में गैर लाइसेंसी अस्पतालों के खिलाफ तीन जांच टीमों का गठन किया गया। सदर, फरेंदा और निचलौल तहसील के लिये इन टीमों का गठन अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राकेश कुमार, एसडीएम फरेंदा दिनेश कुमार मिश्रा व एसडीएम निचलौल सत्य प्रकाश मिश्रा के नेतृत्व में किया गया।

जांच टीमों द्वारा कल 21 अप्रैल को तीनों तहसीलों के विभिन्न अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में बिना लाइसेंस के संचालित आराध्या हॉस्पिटल बरगदवा को सील कर दिया गया। सदर तहसील में सावित्री अस्पताल और फरेंदा तहसील में रवि हॉस्पिटल एवं शिवम हॉस्पिटल की ओटी को सील करने की कार्यवाही की गई। इसके अतिरिक्त फरेंदा तहसील में संचालित महिमा हॉस्पिटल, सर्वोदय हॉस्पिटल, पीके राय परसा मलिक और न्यू स्वास्तिक अस्पताल को मानक पूर्ण न करने के कारण चेतावनी जारी की गई।

डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ ए.के. श्रीवास्तव ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा अपंजीकृत अस्पतालों  के संचालन को बेहद गंभीरता से लिया गया है और उन्होंने ऐसे अस्पतालों के विरुद्ध कठोर विधिक कार्रवाई के निर्देश दिये है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि डीएम के निर्देशानुसार अनियमतता पाये जाने पर अस्पतालों के ओ.टी. कक्ष सील किए गए। अस्पतालों के विरुद्ध उत्तर प्रदेश नैदानिक स्थापन (रजिस्ट्रीकरण व विनियमन) अधिनियम 2010 एवं उत्तर प्रदेश नैदानिक स्थापन (रजिस्ट्रीकरण व विनियमन) नियमावली 2016 के अंतर्गत विभागीय कार्यवाही आरंभ कर दी गई है। जनपद के सभी अस्पतालों को चेतावनी दी गयी है कि बिना मानकों को पूरा किये अस्पताल का संचालन करने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।

No related posts found.