Madhya Pradesh: राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान जानिए कांग्रेस ने क्यों किया सदन से वॉकआउट

डीएन ब्यूरो

विपक्षी दल कांग्रेस ने सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर संकल्प पत्र में दर्ज वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन से बहिर्गमन किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस ने किया वॉकआउट
राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस ने किया वॉकआउट


भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र बुधवार को हंगामेदार तरीके से शुरू हुआ। विपक्षी दल कांग्रेस ने सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर संकल्प पत्र में दर्ज वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन से बहिर्गमन किया।

राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने अपने अभिभाषण में अयोध्या के नवनिर्मित मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का उल्लेख किया और प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला।

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डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार सदन में राज्यपाल अपना भाषण पढ़ रहे थे तब कांग्रेस सदस्यों ने भाजपा सरकार पर चुनाव घोषणा पत्र में उल्लेखित धान और गेहूं के लिए एमएसपी बढ़ाने और महिलाओं को अनुदान वाले एलपीजी सिलेंडर नहीं देने सहित अन्य वादों को पूरा नहीं करने करने का आरोप लगाते हुए नारे लगाने शुरू कर दिए।

विपक्षी नेता उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने जैसे ही बहिर्गमन किया,राज्यपाल ने अपना अभिभाषण पढ़ना बंद कर दिया और भाषण के अंतिम पृष्ठ पढ़े जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने घोषणा की कि भाषण पढ़ा हुआ माना जाये।

राज्यपाल ने कहा, ‘‘ अयोध्या में भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य समारोह ने भारत को ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को श्रद्धा, भक्ति और आस्था से सराबोर कर दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में में रामराज्य की परिकल्पना और विकसित भारत की संकल्पना दोनों को साकार होते देखना निश्चय ही एक अद्भुत-अभूतपूर्व-अविस्मरणीय अनुभव है।’’

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भगवान राम से जुड़े चित्रकूट, ओरछा में राम वन गमन पथ तथा प्रदेश में जहां जहां भगवान राम और भगवान कृष्ण के चरण पड़े उन स्थानों को तीर्थ स्थलों के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

राज्यपाल ने कहा, ‘‘आज भारत में 78 प्रतिशत महिलाएं बैंक खाताधारक हैं। देश के श्रमबल में उनकी भागीदारी बढ़कर 37 प्रतिशत हो गई है।'

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पटेल ने कहा कि केन-बेतवा की तरह पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना को मंजूरी देश में मील का पत्थर साबित होगी। 35,000 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से मध्य प्रदेश के 10 जिलों शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, गुना, शाजापुर, उज्जैन, इंदौर और देवास को फायदा होगा।

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राज्यपाल ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश को 724 किमी की कुल लंबाई की 24 सड़क परियोजनाओं का 'उपहार' मिला है। इन सड़कों के निर्माण पर कुल 10 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी और इससे उद्योगों, व्यापार और पर्यटन क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने कहा कि सरकार ने इंदौर की बंद पड़ी हुकुमचंद मिल के 4800 मजदूरों का दशकों से लंबित बकाया 224 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है।

उन्होंने कहा कि पार्टी के घोषणापत्र के वादे के अनुसार तेंदुपत्ता संग्राहकों का मानदेय भी 3,000 रुपये प्रति मानक बोरी से बढ़ाकर 4,000 रुपये कर दिया गया है।

राज्यपाल ने राज्य सरकार की कई प्राथमिकताओं में गरीबों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों, किसानों, पशुपालकों, बागवानी और महिलाओं के सशक्तिकरण के कल्याण को सूचीबद्ध किया।

राज्यपाल द्वारा पढ़े जाने वाला मूल भाषण 59 पैरा के साथ 48 पृष्ठों का था।

राज्यपाल अपने भाषण के बीच में थे तब विपक्ष के नेता उमंग सिंघार और कांग्रेस विधायकों ने यह दावा करते हुए आवाज उठाई कि सरकार ने अभी तक धान की खरीद के लिए 3,100 रुपये प्रति क्विंटल और गेहूं की खरीद के लिए 2,700 रुपये प्रति क्विंटल का एमएसपी घोषित नहीं किया है, जैसा कि भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में वादा किया गया था।

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उन्होंने ‘‘किसान, लाडली को धोखे की यह सरकार’’ का नारा लगाया और भाजपा के घोषणापत्र की प्रति लहराते हुए सदन से बाहर चले गए।

सदन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए सिंघार ने कहा, ''राज्यपाल का अभिभाषण सरकार की योजनाओं को दर्शाता है। (2023 के) चुनावों से पहले अपने घोषणापत्र में, भाजपा ने महिलाओं को 450 रुपये में एलपीजी सिलेंडर देने का वादा किया था। गेहूं और धान के लिए एमएसपी(न्यूनतम समर्थन मूल्य) क्रमशः 3,100 रुपये और 2,700 रुपये देने का भी वादा किया था।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों की फसल तैयार है, लेकिन राज्यपाल के अभिभाषण में इन वादों का कोई जिक्र नहीं है।‘‘

उन्होंने आरोप लगाया कि किसान संकट में हैं क्योंकि सरकार उनकी फसलें नहीं खरीद रही है। उन्होंने भर्ती परीक्षाओं में देरी को लेकर बेरोजगार युवाओं के विरोध प्रदर्शन का जिक्र भी किया।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ''वे (भाजपा) चुनाव के दौरान लोगों का वोट चाहते हैं और लोगों को सपने दिखाते हैं, लेकिन उन्हें पूरा करना आसानी से भूल जाते हैं।''

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिल्ली से सरकार चला रहे हैं लेकिन उनकी गारंटी जमीन पर लागू नहीं हो रही है।

सिंघार ने कहा, 'कांग्रेस सदस्यों ने राज्यपाल के अभिभाषण का बीच में ही बहिष्कार किया क्योंकि उनके अभिभाषण में इन मुद्दों का कोई जिक्र नहीं है।'










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