विधानसभा चुनाव से पहले यूपी में राजनीतिक भगदड़, कल बसपा के पूर्व मंत्री तो आज पूर्व आईपीएस हुए सपा में शामिल

डीएन संवाददाता

विधान सभा चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश में जोरदार राजनीतिक भगदड़ मची हुई है। विरोधी पार्टियों के खेमें में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सेंधमारी जारी है। कल पूर्व मंत्री आरके चौधरी समेत कई नेताओं द्वारा सपा ज्वॉइन करने के बाद आज बसपा सुप्रीमो के खास रहे पूर्व आईपीएस अफसर ने भी सपा का दामन थाम लिया है। डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट

बसपा नेताओं का नया ठिकाना बन रही है समाजवादी पार्टी
बसपा नेताओं का नया ठिकाना बन रही है समाजवादी पार्टी


लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनावों के लिये लगभग एक साल से भी कम का वक्त बाकी है, लेकिन इसके लिये राजनीतिक भगदड़ जोरों पर चल रही है। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव विरोधी पार्टियों के खेमे में जबरदस्त तरीके से सेंध लगा रहे हैं, जिससे विपक्षियों में खलबली मची हुई है। शुक्रवार को पूर्व मंत्री समेत कई नेताओं द्वारा सपा ज्वॉइन करने के बाद आज बसपा सुप्रीमों के खास रहे पूर्व आईपीएस अफसर ने भी सपा का दामन थाम लिया है। इस अफसर के साथ ही कई अन्य नेताओं ने आज सपा ज्वॉइन की और इन सभी का अखिलेश यादव ने पार्टी में स्वागत किया। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक शनिवार को बसपा सु्प्रीमो मायावती के बेहद खास और हाल ही में डीआईजी पद से रिटायर पूर्व आईपीएस अफसर हरीश कुमार ने अखिलेश यादव की मौजूदगी समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। इससे पहले कल मायावती सरकार में मंत्री रहे आरके चौधरी ने सपा ज्वाइन की थी। आरके चौधरी मोहनलालगंज लोकसभा सीट से लड़ चुके हैं। इन दोनों के अलावा हाल के दिनों में अन्य कई बड़े नेताओं ने भी सपा की सदस्यता ली है।

शनिवार को पार्टी में शामिल होने के लिये आयोजित कार्यक्रम के बाद पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक प्रेस कांफ्रेंस भी की और इसमें एक नये राजनीतिक मुद्दे को उछाला। अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर हमला करते हुए उन्हें बाहरी बताया। अखिलेश यादव ने कहा मूल रूप से यूपी के रहने वाले व्यक्ति को ही प्रदेश का सीएम बनना चाहिये। मौजूदा सीएम योगी यूपी से बाहर के हैं, ऐसे में साफ है कि प्रदेश के विकास को लेकर उनकी आस्था बेहद संदिग्ध है। योगी मुख्यमंत्री की तरह भी व्यवहार नहीं करते। 

गौरतलब है कि कुछ महीने राज्य में सम्पन्न हुए राज्यसभा के चुनावों में बसपा के आधा दर्जन विधायकों ने खुली बगावत की थी और सपा मुख्यालय में जाकर अखिलेश यादव से मुलाकात की थी, ये काफी चर्चित बगावत थी।

इससे संकेत मिल रहा है कि बसपा के तमाम बड़े नेताओं में सपा में शामिल होने की होड़ सी मची हुई है। 

 

 










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