लखनऊ में बोले सिंचाई मंत्री, किसानों को खेतों की सिंचाई के लिये मिलेगा पर्याप्त पानी
यूपी के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने प्रदेश सरकार की सिंचाई नीति को मीडिया के सामने रखते हुए कहा कि मृतप्राय नदियों और जलाशयों को पुनर्जीवित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे भूमिगत जलस्तर बढ़े और किसानों को खेती के लिये पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराया जा सके।
लखनऊ: यूपी के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने एक प्रेस वार्ता कर प्रदेश सरकार की सिंचाई नीति को मीडिया के सामने रखा। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि मृतप्राय नदियों और जलाशयों को पुनर्जीवित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे भूमिगत जलस्तर बढ़े और किसानों को खेती में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराया जा सके।
कम पानी की खपत कर अच्छी मात्रा में फसल उत्पादन
सिंचाई मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का किसानों की आय दोगुना करने का संकल्प है। उसे पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग 'वन ड्रॉप-मोर क्रॉप' योजना के तहत काम करने में लगा है, जिससे कम पानी की खपत कर अच्छी मात्रा में फसल उत्पादन किया जा सके। उन्होंने बताया कि योगी सरकार नदियों के संरक्षण में लगी है, जिसके तहत प्रदेश के सभी जिलों में एक नदी को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है, और यह कार्य मनरेगा के तहत कराया जाएगा। जिससे मनरेगा में काम करने वाले स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा सके।
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नहरों की निगरानी ड्रोन कैमरों से
सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि नहरों की सिल्ट सफाई साल में एक बार कराने का प्रावधान किया गया है। साथ ही नहरों की सिल्ट सफाई के काम की निगरानी ड्रोन कैमरे से कराई जाएगी। जिससे काम में संभावित किसी भी अनियमितता को समय से पता कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके। उन्होंने बताया कि नहरों की सिल्ट सफाई के काम में संबंधित डीएम की रिपोर्ट के बाद ही सिल्ट सफाई के काम का भुगतान करने का आदेश जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि यूपी के हर खेत में पानी पहुंचाने के लिए 2000 करोड़ रुपए के सिंचाई फंड का इंतजाम किया गया है। साथ ही ड्रीप इरीगेशन के तहत किसानों की फसल का उत्पादन अधिक हो, इस पर सरकार का जोर है।
किसानों की लागत में कमी
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उन्होंने बताया कि सीमांत और लघु सीमांत किसानों को सिंचाई का 90% अनुदान और सभी किसानों को 80% अनुदान देने का प्रावधान सरकार की ओर से किया गया है। जिससे किसानों की लागत में कमी कर उनकी आय को बढ़ाया जा सकें।