Rishi Ganga Power Project: जानिए क्या है ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट, जो चमोली में आई तबाही में हो गया बर्बाद

डीएन ब्यूरो

रविवार को नंदादंवी ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही मच गई है। इस तबाही में ऋषिगंगा नदी पर 13.2 मेगावाट की एक छोटी पनबिजली परियोजना बह गई है। जानें इस प्रोजेक्ट के बारे में।

ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को नुकसान

उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने की वजह से जो आपदा आई है उससे जिंदगियों को बचाने की जद्दोजहद जारी है। ग्लेशियर टूटने से सबसे ज्यादा नुकसान ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को पहुंचा है। इसे तपोवन बांध भी कहा जाता है।

एक प्राइवेट कंपनी की ऋषिगंगा बिजली परियोजना

रविवार को आई बाढ़ की वजह से जब धौलगंगा घाटी और अलकनंदा क्षेत्र में नदी ने विकराल रूप धारण किया तो ऋषिगंगा और धौली गंगा के संगम पर स्थित रैणी गांव के करीब एक प्राइवेट कंपनी की ऋषिगंगा बिजली परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है।

प्रोजेक्ट पर 10 साल से अधिक वक्त से काम जारी था

इस प्रोजेक्ट पर 10 साल से अधिक वक्त से काम जारी था। यह प्राइवेट सेक्टर की परियोजना है।

प्रोजेक्ट के निर्माण के दौरान विरोध

प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए इस प्रोजेक्ट के निर्माण के दौरान भी इसका खूब विरोध हुआ था। लोगों ने इस प्रोजेक्ट के विरोध में कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था।

यह नदी धौली गंगा में मिलती है

यह प्रोजेक्ट ऋषि गंगा नदी पर बनाया गया है और यह नदी धौली गंगा में मिलती है।

3,520 MWH बिजली बनाने का लक्ष्य था

ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट के जरिए 63,520 MWH बिजली बनाने का लक्ष्य रखा गया था। रविवार को आपदा आने और पावर प्रोजेक्ट के पूरी तरह बर्बाद हो गया।








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