कानपुर: 34 माह से नहीं मिला वेतन, शुरु किया आमरण अनशन

डीएन संवाददाता

कानपुर टेक्सटाइल और एल्गिन मिल के कर्मचारियों को 34 माह से वेतन नहीं मिला जिसके खिलाफ अब कुछ कर्मचारी अनिश्चित कालीन आमरण अनशन पर बैठ गए है।

आमरण अनशन पर बैठे कर्मचारी
आमरण अनशन पर बैठे कर्मचारी


कानपुर: कानपुर टेक्सटाइल और एल्गिन मिल 1 और 2 के 27 कर्मचारियों का 34 माह से वेतन न मिलने को लेकर कुछ कर्मचारी 10 अगस्त से शुगर मिल कंपाउंड रायपुरवा में अनिश्चित कालीन आमरण अनशन पर बैठ गए है। वहीं आमरण अनशन पर बैठे पीड़ित कर्मचारी के साथ उनके परिजन भी बैठे हुए हैं। उनकी मांग है कि वेतन दिया जाए अन्यथा अहिंसात्मक आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा।

कर्मचारियों ने कुछ इस तरह सुनाया अपना दर्द

कानपुर टेक्सटाइल के पीड़ित कर्मचारी वीरेंद्र दूबे ने बताया कि बीआईसी प्रबंधन द्वारा नवम्बर 2014 से तीन मिलों के 27 कर्मचारियों का 34 माह का वेतन रोक दिया गया है। आज स्थिति ये है कि परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है, हमारे बच्चों के स्कूल से नाम तक कट चुके हैं। कर्मचारी वीरेंद्र ने यह भी बताया कि लाल इमली में 2005 में पैसा बढ़ाया गया उसे दिया भी गया और 2007 में ग्रेट रिवाइज़ हुआ। 2015 में नए चैयरमेन वीआइसी आये उन्होंने तीनों मिलों को लिक्यूडाइज़ दिखा कर वेतन रुकवा दिया। जिसके बाद हम लोगों ने प्रधामंत्री और कपड़ा मंत्री से शिकायत की जिसके बाद चेयरमैन को तो हटा दिया गया लेकिन वेतन अब तक नही मिला।

अनशन पर बैठे पीड़ित वीरेंद्र दूबे, यासीन खान 14 दिन से नींबू पानी पी कर गुजार रहे हैं। पीड़ितों ने कहा कि हमारे बच्चों की पढ़ाई ठप हो चुकी है, हमारा आर्थिक मानसिक शोषण हो रहा है। कर्मचारियों की मांग है कि 34 माह का वेतन उन्हें दिया जाए। अनशन पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि अगर हमारी ये मांगे पूरी नहीं हुई तो अहिंसात्मक आंदोलन ऐसा ही चलता रहेगा। हमारी जाने चली जायेंगी लेकिन हम अनशन खत्म नहीं करेंगे। हमारे साथ कोई भी अनहोनी होती है इसकी जिम्मेदारी बीआईसी प्रबंधन और जिला प्रशासन की होगी।










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