

जम्मू-कश्मीर में 850 मेगावाट क्षमता की रतले जलविद्युत परियोजना के काम में तेजी लाने के लिए किश्तवाड़ जिले के द्रबशल्ला में सुरंगों के माध्यम से चिनाब नदी के पानी को मोड़ने में सफलता मिली है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में 850 मेगावाट क्षमता की रतले जलविद्युत परियोजना के काम में तेजी लाने के लिए किश्तवाड़ जिले के द्रबशल्ला में सुरंगों के माध्यम से चिनाब नदी के पानी को मोड़ने में सफलता मिली है।
बिजली मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘किश्तवाड़ जिले के द्रबशल्ला में 27 जनवरी, 2024 को सुबह 11.30 बजे सुरंगों के माध्यम से चिनाब नदी के पानी को मोड़ने के साथ जम्मू-कश्मीर में 850 मेगावाट की रतले जलविद्युत परियोजना में एक बड़ी सफलता हासिल की गयी।’’
यह भी पढ़ें: पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, 75 अधिकारियों का तबादला
नदी का पानी मोड़ने से बांध की खुदाई और निर्माण की महत्वपूर्ण गतिविधि शुरू करने के लिए नदी तल पर बांध क्षेत्र को अलग किया जा सकेगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इससे बांध निर्माण गतिविधियों में तेजी आएगी और परियोजना कार्य में किसी देरी को कम करने में मदद मिलेगी ताकि मई, 2026 की निर्धारित तिथि को परियोजना पूरी की जा सके।
यह भी पढ़ें: बिजली मंत्रालय ने आयातित कोयला आधारित बिजलीघरों से पूरी क्षमता पर काम करने को कहा
रतले परियोजना को पूरा करने का काम रतले हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरएचपीसीएल) कर रही है। यह एनएचपीसी लिमिटेड और जम्मू-कश्मीर सरकार की संयुक्त उद्यम इकाई है। दोनों की हिस्सेदारी क्रमशः 51:49 प्रतिशत है।
रतले पनबिजली परियोजना की क्षमता 850 मेगावाट है। यह किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर स्थित है। इस परियोजना को जनवरी 2021 में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने मंजूरी दी थी। इसकी कुल लागत 5,281.94 करोड़ रुपये है।