Barabanki News: मां को मिली मासूम बच्ची, इस अंदाज में सुरक्षाकर्मियों और पत्रकारों ने की मदद

डीएन संवाददाता

जिला अस्पताल में अचानक उस वक्त हाहाकार मच गया जब मासूम बच्ची गायब हो गई। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

घर वालों को मिली मासूम
घर वालों को मिली मासूम


बाराबंकी: शुक्रवार को जिला अस्पताल में अचानक उस समय हड़कंप मच गया, जब इलाज कराने आई एक महिला की तीन साल की बेटी भीड़ में खो गई। पीरबटावन निवासी नौशीन बानो अपनी बेटी आयत फातिमा के साथ जिला अस्पताल में स्थित आयुष्मान क्लीनिक (होम्योपैथी हॉल) में दवा लेने आई थी।  भीड़ अधिक होने के कारण बच्ची अचानक आंखों से ओझल हो गई, जिससे महिला घबरा गई और रोते हुए इधर-उधर अपनी बेटी को खोजने लगी।

पत्रकार की सजगता से जांच में आई तेजी

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, घटना की गंभीरता को देखते हुए मौके पर मौजूद पत्रकार चौधरी उस्मान अली ने तत्काल अस्पताल चौकी इंचार्ज प्रदीप सिंह को सूचना दी और साथ ही सीएमएस डॉ. वीपी सिंह को भी मामले से अवगत कराया। इसके बाद अस्पताल प्रशासन और सुरक्षाकर्मी तत्काल हरकत में आ गए।

सीएमएस के निर्देश पर अस्पताल के सभी वार्डों और पूरे परिसर में बच्ची की तलाश शुरू कर दी गई। सुरक्षाकर्मियों की टीम अलर्ट मोड में आ गई और अस्पताल के कोने-कोने में तलाश शुरू कर दी।

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गार्ड की सजगता से मिला सुराग

अस्पताल के गार्ड रंजीत की सजगता और मेहनत रंग लाई और चंद मिनटों में ही मासूम बच्ची महिला अस्पताल परिसर में रोती हुई मिल गई। बच्ची को तत्काल सकुशल उसकी मां को सौंप दिया गया। बेटी को पाकर मां की आंखों से खुशी के आंसू छलक आए और उसने सभी का आभार जताया।

सामूहिक प्रयासों से मिली सफलता

इस पूरी घटना में जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. वीपी सिंह, अस्पताल चौकी इंचार्ज प्रदीप सिंह, पत्रकार चौधरी उस्मान अली, अस्पताल परिषद के गार्ड रंजीत, रफीक, मनीष कुमार और मोहम्मद समीर राजा** ने अहम भूमिका निभाई। इन सभी के सामूहिक प्रयासों से मासूम बच्ची सकुशल घर वापस आ सकी।

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समय रहते सतर्कता से बड़ी दुर्घटना टल गई

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि यदि पत्रकार, सुरक्षाकर्मी और अस्पताल प्रशासन सतर्क न होते तो यह घटना गंभीर रूप ले सकती थी। यह घटना अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत को भी रेखांकित करती है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।










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