Gorakhpur: योगी आदित्यनाथ का दावा , भ्रष्टाचार पर प्रहार सबसे कारगर मंत्र

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि भ्रष्टाचार पर प्रहार के लिये तकनीक सबसे कारगर मंत्र है और इसका प्रयोग योजनाओं के पारदर्शी क्रियान्वयन तथा जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ


गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि भ्रष्टाचार पर प्रहार के लिये तकनीक सबसे कारगर मंत्र है और इसका प्रयोग योजनाओं के पारदर्शी क्रियान्वयन तथा जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत विद्यार्थियों में स्मार्टफोन-टैबलेट वितरित किये। इस समारोह में विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के करीब एक हजार विद्यार्थियों को स्मार्टफोन वितरित किए गए। उनमें से 15 विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री ने स्वयं स्मार्टफोन दिया।

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उन्होंने इस अवसर पर कहा कि तकनीक का इस्तेमाल विभिन्न योजनाओं के ईमानदारी पूर्ण क्रियान्वयन और जीवन के हर क्षेत्र में बहुत अहमियत रखता है।

मुख्यमंत्री ने युवाओं को तकनीक का महत्व समझाते हुए कई व्यावहारिक उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि ‘‘प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली वर्ष 2017 में राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार आने से पहले भ्रष्टाचार की चपेट में थी। कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, सोनभद्र, चित्रकूट जैसे जिलों में राशन के अभाव में भूख के कारण लोगों की मौत हो जाती थी। एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम)की गोदाम से निकलने के साथ ही खाद्यान्न प्रदेश के बाहर यहां तक कि दूसरे देशों तक पहुंच जाता था।’’

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उन्होंने कहा कि 19 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री बनने के एक सप्ताह बाद ही उन्होंने प्रदेश की 80 हजार राशन की दुकानों पर छापेमारी कराई तो 30 लाख फर्जी राशन कार्डों का पता चला।

उन्होंने कहा, ‘‘ इसके बाद राशन की सभी दुकानों को तकनीक के इस्तेमाल से ‘पॉइंट ऑफ सेल’ से जोड़ दिया गया। राशन कार्ड को आधार से संबद्ध कर दिया गया। इसका परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली देश में सबसे अच्छी है।’’

योगी आदित्यनाथ ने शिक्षण संस्थानों को हिदायत दी कि वे सिर्फ डिग्री बांटने के केंद्र न बनें। एक लंबे दौर तक विश्वविद्यालय एवं अन्य उच्च शिक्षण संस्थान सिर्फ डिग्री, डिप्लोमा बांटने वाले टापू बनकर रह गए थे। उन्हें इससे बाहर निकालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति दी है। इस नीति से जुड़कर संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वे विद्यार्थियों को पारंपरिक पाठ्यक्रम का ज्ञान देने के साथ उन्हें आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करें।

उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से दिए जा रहे स्मार्टफोन को केंद्र व राज्य सरकार की कई योजनाओं की जानकारी से भी जोड़ा गया है। युवा इसके जरिये पीएम स्टार्टअप योजना, स्टैंडअप योजना, मुद्रा योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना को जानकर आत्मनिर्भरता की राह भी चुन सकते हैं। इसमें बालिकाओं के लिए भी कई योजनाएं जुड़ी हैं।

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मुख्यमंत्री ने इजराइल-फलस्तीन संघर्ष के बाद अवस्थापना निर्माण कार्य के लिए उत्तर प्रदेश से करीब 5000 श्रमिकों को इजराइल भेजे जाने की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘‘युद्ध के बाद निर्माण का दौर भी आता है। दो देशों के युद्ध के बीच अपने लिए सकारात्मक मार्ग देखा जा सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम इन देशों में निर्माण के लिए अपनी भूमिका देख सकते हैं। इजराइल आदि देशों से कुशल भारतीय मानव संसाधन की बहुत मांग है। उत्तर प्रदेश से पांच हजार लोग भेजे जा रहे हैं। वहां रहना-खाना मुफ्त होगा, महीने में सवा से डेढ़ लाख रुपये पारिश्रमिक मिलेगा। वहां जाने वाले लोग कमाई कर रकम भारत भेजेंगे।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘दुनिया के देशों में मानव संसाधन की मांग के अनुरूप हमें खुद को तैयार करना होगा।’’

आदित्यनाथ ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ की ई-पत्रिका ‘गोरख पथ’ का भी विमोचन किया।










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