Gorakhpur: गोरखपुर का सत्यम अस्पताल सील, संचालक गिरफ्तार, डॉक्टर-कर्मचारी फरार, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में विवादों से घिरे सत्यम अस्पताल को प्रशासन ने सील कर दिया है। हॉस्पिटल संचाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

अस्पताल में जांच के लिये पहुंची स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम
अस्पताल में जांच के लिये पहुंची स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम


गोरखपुर: यूपी के गोरखपुर जिले के गुलरिहां थाना क्षेत्र के भटहट कस्बे में भटहट-बांसस्थान मार्ग पर स्थित सत्यम अस्पताल को पुलिस बल की मौजूदगी में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी ने शुक्रवार शाम को सील कर दिया है। पुलिस प्रशासन की टीम के मौके पर पहुंचने से पहले ही सत्यम हॉस्पिटल के डॉक्टर, कर्मचारी और पैरामेडिकल स्टॉफ हॉस्पिटल छोड़कर फरार हो गए। पुलिस ने अस्पताल के संचालक को गिरफ्तार कर लिया है।

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सत्यम अस्पताल लंबे समय से विवादों में रहा है। ताजा मामला अस्पताल में इलाज के दौरान एक गर्भवती महिला की मौत से जुड़ा हुआ है। इस मामले में थाना पुलिस ने जैनपुर टोला सत्यनगर निवासी आरोपित अस्पताल संचालक रंजीत निषाद के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया इस मामले में 3 दिसंबर को महिला की मौत के बाद उसके पति ने चार दिसंबर को पुलिस को तहरीर दी थी और संचालक पर बिना डिग्री के इलाज करने का गंभीर आरोपी लगाया था। 

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गर्भवती की मौत से जुड़े इस मामले में प्रशासनिक दबाव के बाद स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम सत्यम हॉस्पिटल पहुंची। जांच के बाद अस्पताल को सील कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल के सारे दस्तावेज, मरीजों की रिकार्ड, डॉक्टरों की सूची, सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर आदि को जब्त कर लिया और संचालक को हिरासत में ले लिया है।

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पुलिस को दी गई तहरीर के मुताबिक तीन दिसंबर की शाम चार बजे रामदवन की पत्नी सोनावत के पेट में अचानक दर्द शुरू हुआ। उपचार के लिए उसे सत्यम हास्पिटल में भर्ती कराया गया। अगले दिन सुबह करीब चार बजे अस्पताल संचालक सोनावत को आपरेशन थियेटर में ले गया।  आधे घंटे बाद संचालक ने महिला की हालत को गम्भीर बताया और उसे अपनी निजी गाड़ी से खजांची चौराहे के एक निजी नर्सिंग होम में लेकर गया। जहां डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया। 

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जैनपुर टोला काजीपुर निवासी रामदवन ने गुलरिहा थाने में अस्पताल के खिलाफ तहरीर दी थी और डॉक्टरों और संचालकों पर गंभीर आरोप लगाये थे। रामवदन ने आरोप लगाया था कि डाक्टर की अनुपस्थिति में डिग्री नहीं होने के बाद भी अस्पताल संचालक पत्नी का उपचार कर रहा था। उसके गलत उपचार से उसकी पत्नी की मृत्यु हो गयी। पुलिस ने पति की तहरीर पर संचालक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था।










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