Fairness Cream: 79 रुपये की क्रीम से गोरा नहीं हुआ शख्स तो कर दिया केस, कंपनी को लगा लाखों का झटका

डीएन ब्यूरो

गोरा करने वाली क्रीम लगाने से भी नहीं हुआ गोरा तो शख्स ने कर दिया केस, अब कंपनी पर लगा जुर्माना। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़िए पूरी खबर।

फेयरनेस क्रीम
फेयरनेस क्रीम



नई दिल्ली: फेयरनेस क्रीम लगाने के बाद भी शख्स गोरा नहीं हुआ तो उसने कंपनी पर केस कर दिया। क्रीम खरीदी थी 79 रुपये की और अब कंपनी को चुकाने होंगे 15 लाख रुपये। दरअसल शख्स का कहना है कि उसने 2013 में क्रीम खरीदी थी, और क्रीम लगाने के लिए कंपनी के सभी निर्देशों का पालन किया था।

पैकेजिंग पर लिखा था, गोरापन पाने के लिए दिन में दो बार फेसवॉश करके फेस और गर्दन पर रोज़ाना क्रीम लगानी है। ऐसा करने पर भी उसके चेहरे पर कोई फर्क नज़र नहीं आया। ऐसे में उपभोक्ता ने इमामी लिमिटेड पर केस कर दिया। 

कंपनी ने क्या कहा?

यह भी पढ़ें | महराजगंज जिले में आठवीं वर्षगांठ पर डाइनामाइट न्यूज़ की मची धूम, दिग्गजों का जमावड़ा, सदर विधायक जयमंगल कन्नौजिया ने काटा केक

डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, सुनवाई में कंपनी ने अपनी दलील में कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि शिकायतकर्ता ने क्रीम का सही तरीके से इस्तेमाल किया है। शिकायतकर्ता के पास कोई सबूत नहीं है कि उसकी स्किन का कलर बदला है या नहीं। साथ ही कंपनी का यह भी कहना है कि खानपान, एक्सरसाइज और साफ सफाई जैसी चीज़ें भी रिजल्ट पर असर डालती हैं। 

कंपनी पर किया गया केस

कंपनी का यह भी कहना है कि ये प्रोडक्ट 16 से 34 साल के उन पुरुषों के लिए है जो बीमार नहीं है। लेकिन ने पैकेजिंग पर इसके बारे में नहीं बताया है और न ही 'बीमार' शब्द को परिभाषित किया है।  

आयोग ने क्या कहा?

यह भी पढ़ें | Bihar: 6 महिलाएं यूपी से पटना ला रही थी शराब, पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा

इन्हीं सब बातों को मद्देनज़र रखते हुए केंद्रीय दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने 9 दिसंबर को कंपनी के खिलाफ फैसला सुनाया और कंपनी पर भ्रामक विज्ञापन और पैकेजिंग का इस्तेमाल करने के लिए जुर्माना लगाया है। 

आयोग का कहना है कि इमामी को भ्रामक व्यवहार बंद करना होगा। प्रोडक्ट की पैकेजिंग और विज्ञापन वापस लेने होंगे। साथ ही दिल्ली राज्य उपभोक्ता कल्याण कोष में 14.5 लाख रुपये जमा करने होंगे. इसके अलावा शिकायतकर्ता को 50,000 रुपये का हर्जाना और 10,000 रुपये कानूनी खर्च के लिए दिए जाएंगे।










संबंधित समाचार