Maharajganj: कोल्हुई का हॉस्पिटल बना चर्चा का विषय, पुलिस ने दर्ज की शिकायत

डीएन संवाददाता

कोल्हुई के हॉस्पिटल के बोर्ड पर "EX मेडिकल ऑफिसर, सिद्धार्थनगर" बना चर्चा का विषय बना है। मासूम चांदनी की मौत पर बड़ा खुलासा हुआ है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

हॉस्पिटल
हॉस्पिटल


कोल्हुई (महराजगंज): कोल्हुई थाना क्षेत्र के एकसड़वा चौराहे पर स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान एक पांच वर्षीय मासूम बालिका की मौत हो गई थी। जिसके बाद परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर लिया है।

चर्चाओं का बाजार इसलिए गर्म है कि हॉस्पिटल के बोर्ड पर राज क्लिनिक लिखा है, जो डॉक्टर राजकुमार मौर्य MBBS के नाम से पंजीकृत है। हालांकि इलाज कर रहे थे डॉक्टर सूर्यनाथ मौर्य, जिनके ऊपर एफआईआर पंजीकृत हुई है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब हॉस्पिटल किसी और के नाम पर पंजीकृत है तो कोई दूसरा इलाज क्यों कर रहा था।

ACMO का बयान

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता द्वारा यह सवाल पूछे जाने पर ACMO प्राइवेट हॉस्पिटल के नोडल अधिकारी डॉक्टर राजेश द्विवेदी ने बताया कि मामले में सभी बिंदुओं पर टीम बनाकर जांच की जाएगी।

यह भी पढ़ें | महराजगंजः कोल्हुई में बड़ा हादसा, खड़ी ट्रक में पीछे से घुसी कार, महिला की दर्दनाक मौत

लापरवाही बनी मासूम के लिए काल

गुरुवार की दोपहर एकसड़वा चौराहे पर स्थित राज क्लिनिक अस्पताल में इलाज के लिए संगीता पासवान अपनी पांच वर्षीया बेटी चाँदनी को बुखार होने पर दवा कराने के लिए लेकर आए थे। परिजनों का आरोप है कि टाइफाइड होने की बात कहकर डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाया, जिसके थोड़ी ही देर बाद मासूम की मौत हो गई।

इसके बाद परिजनों में रोना-पीटना मच गया और परिजनों ने डाक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाकर अस्पताल में जमकर हंगामा किया। सूचना पाकर कोल्हुई थाने की पुलिस मौके पर पहुंची गई। पुलिस ने माहौल शांत कराकर शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया।

पुलिस का बयान

यह भी पढ़ें | महराजगंज: पुलिस के हत्थे चढ़ा वांछित अभियुक्त, गंभीर धाराएं लगाकर जेल की सलाखों के पीछे भेजा, जानें क्या है पूरा मामला

कोल्हुई थानेदार सत्येंद्र राय ने इस मामले में बताया कि परिजनों की तहरीर पर आरोपी डॉक्टर सूर्यनाथ मौर्य के खिलाफ़ बीएनएस धारा 105 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच-पड़ताल की जा रही है।

बड़े-बड़े डिग्री वाले होर्डिंग्स

कोल्हुई कस्बे सहित आसपास के दर्ज़नों चौराहों पर अस्पतालों पर लगे बड़े-बड़े डॉक्टर डिग्री वाले होर्डिंग्स के जाल में आमजन फंसकर अच्छे इलाज की आशा में जाता है। लेकिन शिकार होने पर उसे एहसास होता है कि इन बड़े-बड़े डिग्री वाले होर्डिंग की सत्यता भी स्वास्थ्य विभाग को जांचनी चाहिए, ताकि मरीजों को उचित इलाज मिल सके।

अगर आप युवा है और नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो आप हमारी 'युवा डाइनामाइट' को विजिट कर सकते हैं। 
https://www.yuvadynamite.com/










संबंधित समाचार