ऐसे करें दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन..घर में आएगी सुख-समृद्धि

दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा जो भी भक्त ध्यान लगाकर करता है तो उस पर इस दिन भगवान विशेष कृपा बरसाते हैं। मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिये जो विधि-विधान बनाये गये हैं इसका सभी को ख्याल रखना चाहिये। डाइनामाइट न्यूज़ की इस खबर में पढें, मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का पूरा विधि-विधान

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 27 October 2018, 2:00 PM IST
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नई दिल्लीः  इस बार दिवाली 7 नवंबर 2018 को मनाई जायेगी। दिवाली पांच पर्वों में अनूठा त्यौहार है। इसमें धनतरेस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और यमद्वितीया आदि मनाये जाते हैं। दिवाली की रात को कई प्रकार के तंत्रों-मंत्रों से महालक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि विधि-विधान से जो भी भक्त मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करता है उसके घर में सुख-समृद्धि और धन लाभ की कामना होती है।     

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दिवाली पर पूजा में रखें गेंदे के फूल 

 

दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विधि-विधानः 

1. दिवाली पर पूजा में लगने वाला ज्यादातर सामान तो वैसे घर में ही मिल जाता है लेकिन कुछ चीजों को बाहर मंगाया जाता है। इनमें से- मां लक्ष्मी, सरस्वती व गणेश जी की प्रतिमा, रोली, कुमकुम, चावन, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, अगरबत्तियां, मिट्टी व तांबे के दीपक समेत कई चीजों को पूजा में शामिल किया जाता है। 

2. पूजा के लिये सबसे पहले एक चौकी पर सफेद वस्त्र बिछा कर उस पर मां लक्ष्मी, सरस्वती व गणेश जी की प्रतिमा को विराजमान करें। इसके बाद हाथ में पूजा के जलपात्र से थोड़ा- सा जल लेकर उसे प्रमिता के ऊपर मंत्रों का जाप कर छिड़कें। साथ ही इस जल को पूरे घर में छिड़कें, इससे भगवान गणेश और मां लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद मिलेगा।     

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दिवाली पर इस तरह सजायें पूजा की थाली

 

3. पूजा करते समय मन को शांत कर आंखें बंद करें और मां को मन ही मन प्रणाम करें। इसके बाद हाथ में जल लेकर पूजा का संकल्प करें। संकल्प के लिये हाथ में चावल के अक्षत,पुष्प और जल रखें। एक रुपये के सिक्के को भी हाथ में पकड़ें। इसके बाद संकल्प करके मां लक्ष्मी, सरस्वती और गणेशजी की पूजा करें।    

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दिवाली पर घी के दीयों से जगमग होगा घर

 

4. भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के पूजन के बाद उनकी प्रतिमा के आगे 7,11 और 21 दीपक जलायें और मां को शृंगार सामग्री अर्पण करें। मां को भोग लगाकर उनकी आरती करें और श्रीसूक्त,लक्ष्मीसूक्त व कनकधारा स्रोत का पाठ करें। इस तरह से पूजा का विधि-विधान संपूर्ण होता है।  

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5. भगवान गणेश जी की आरती- जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।     और मां लक्ष्मी की आरती- ऊं जय लक्ष्मी माता मैया जल लक्ष्मी माता, तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता।। इस आरती को पूरी भक्ति भाव से जो कोई भी भक्त दिवाली पर गाता है और भगवान गणेश और मां लक्ष्मी को दिल से याद करता है उसके सभी बिगड़े हुये काम बनने लगते हैं।    

 

मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन

 

इस तरह जो भी भक्त दिवाली पर पूरे विधि-विधान से मां लक्ष्मी, मां सरवस्ती और भगवान गणेश का पूजन और उन्हें भोग लगाकर इस प्रसाद को अपने सगे-संबंधियों और पड़ोसियों में बांटता है तो उनके घर मे सुख-समृद्धि का वास होता है और मां लक्ष्मी धन-संपदा से उनके घर को आर्थिक रूप से मजबूत करती है और देखते ही देखते कुछ दिन बाद ऐसे भक्तों के घरों में धन वर्षा होती है। इसलिए इस दिवाली जब मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन करें तो इस पूजा विधि को जरूरत अपनायें। 

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