दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई और पुलिस से मांगा AIIMS में खरीद में अनियमितता के आरोपों पर जवाब
दिल्ली हाई कोर्ट ने एम्स ट्रॉमा सेंटर के लिए कीटाणुनाशक और फॉगिंग पदार्थ अधिक कीमत पर और बिना निविदा के खरीदने का आरोप लगाने वाली एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की याचिका पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और पुलिस से जवाब मांगा है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने एम्स ट्रॉमा सेंटर के लिए कीटाणुनाशक और फॉगिंग पदार्थ अधिक कीमत पर और बिना निविदा के खरीदने का आरोप लगाने वाली एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की याचिका पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और पुलिस से जवाब मांगा है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के तत्कालीन प्रमुख समेत कुछ पूर्व अधिकारियों ने इन वस्तुओं की खरीद अधिक कीमत पर की।
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उच्च न्यायालय ने सीबीआई, दिल्ली, पुलिस, एम्स के पूर्व निदेशक डॉ एमसी मिश्रा, खरीद के तत्कालीन प्रभारी प्रोफेसर डॉ अमित गुप्ता, पूर्व स्टोर अधिकारी टी आर महाजन और कंपनी ‘दृष्टि मेडिकोज़ एंड सर्जिकल’ की साझेदारों को नोटिस जारी किया है। यह याचिका 2018 में दायर की गई थी।
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा ने पुलिस और सीबीआई से मामले पर अपनी-अपनी स्थिति रिपोर्ट दायर करने को कहा और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 14 सितंबर को सूचीबद्ध कर दिया।
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एनजीओ ‘जनहित अभियान-ए कैम्पेन फॉर पीपुल वॉइस’ ने आरोप लगाया कि इन लोगों ने नियमों को तोड़कर कोष का गबन कर सरकारी खज़ाने को नुकसान पहुंचाने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर साज़िश रची।
याचिका में दावा किया गया है कि जिस कंपनी से अधिक कीमत पर खरीद की गई है उसके मालिक महाजन के बेटे और बहू हैं। याचिका के मुताबिक, यह कथित खरीद नवंबर 2012 से मार्च 2014 के बीच की गई है।