आग में फेंके गए दो बच्चों की हालत बिगड़ी, लखनऊ भेजे गये
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के मौरावां क्षेत्र के एक गांव में एक दलित बलात्कार पीड़िता द्वारा सुलह नहीं किए जाने से नाराज आरोपियों के हाथों आग में फेंके गए दो बच्चों को बुधवार को हालत बिगड़ने पर लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में भेज दिया गया है।
उन्नाव: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के मौरावां क्षेत्र के एक गांव में एक दलित बलात्कार पीड़िता द्वारा सुलह नहीं किए जाने से नाराज आरोपियों के हाथों आग में फेंके गए दो बच्चों को बुधवार को हालत बिगड़ने पर लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में भेज दिया गया है।
पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि मौरावां क्षेत्र के एक गांव में बलात्कार पीड़िता द्वारा सुलह नहीं किए जाने से नाराज आरोपियों ने गत 17 अप्रैल को उसके (पीड़िता) और उसकी मां के साथ मारपीट की थी और बाद में पीड़िता के बच्चे को मारने के इरादे से घर में लगा दी थी।
उन्होंने बताया कि बलात्कार पीड़िता और उसकी मां ने आरोप लगाया था कि आरोपियों ने दोनों बच्चों को आग में फेंक दिया था और आग से झुलसे पीड़िता के छह माह के बेटे और पीड़िता की दो माह की बहन को 18 अप्रैल को उन्नाव जिला अस्पताल से कानपुर के उर्सला हॉस्पिटल में भेज दिया गया ।
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उन्होंने बताया कि दोनों बच्चों को आज हालत बिगड़ने पर लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में भेज दिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि 11 वर्षीय दलित लड़की के साथ 13 फरवरी 2022 को सामूहिक बलात्कार किया गया था। उसने उसी साल सितंबर को एक बेटे को जन्म दिया था।
उर्सला अस्पताल के निदेशक डाक्टर एस. पी. चौधरी ने बताया कि बच्चों को उन्नाव बेहतर इलाज के लिए यहां भेजा गया था । उन्होंने बताया कि बच्चो का बेहतर इलाज चल रहा था, लेकिन निरीक्षण के दौरान पीड़िता के बेटे को झटके आते दिखाई दिए, साथ ही दोनो बच्चों के सिर में एक ओर सूजन दिखाई पड़ा था।
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पीड़ित परिवार का आरोप है कि अभियुक्तों ने दोनों बच्चों को आग में फेंक दिया था, जिससे उन्हें सिर में चोट आई थी। दोनों का सीटी स्कैन कराया गया, जिसमें दोनों के सिर की हड्डी में फैक्चर मिला।
उन्होंने बताया कि उर्सला अस्पताल में विशेषज्ञ की व्यवस्था नहीं होने पर दोनों बच्चों को लखनऊ भेज दिया गया है।