झारखंड सचिवालय का घेराव का रहे भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प, तीन दर्जन लोग घायल

डीएन ब्यूरो

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की विभिन्न मोर्चों पर कथित विफलता के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को राज्य सचिवालय के घेराव की कोशिश की और इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं व पुलिस के बीच हुई झड़प में 10 पुलिस कर्मियों सहित कम से कम तीन दर्जन लोग घायल हो गए।

झारखंड सचिवालय घेराव कार्यक्रम
झारखंड सचिवालय घेराव कार्यक्रम


रांची: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की विभिन्न मोर्चों पर कथित विफलता के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को राज्य सचिवालय के घेराव की कोशिश की और इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं व पुलिस के बीच हुई झड़प में 10 पुलिस कर्मियों सहित कम से कम तीन दर्जन लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

वहीं, पुलिस ने भाजपा के केन्द्रीय मंत्रियों एवं सांसदों समेत डेढ़ दर्जन नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है।

रांची के नगर पुलिस अधीक्षक शुभांशु जैन ने 'पीटीआई भाषा' को बताया कि राज्य सचिवालय के आसपास प्रशासन ने भाजपा के घेराव कार्यक्रम को देखते हुए धारा 144 लागू कर रखी थी जिसे तोड़ने पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। उन्होंने बताया कि इस दौरान रांची के अनुमंडलीय पदाधिकारी और कई पुलिस अधिकारियों समेत दस पुलिस कर्मी और दो दर्जन भाजपा कार्यकर्ता घायल हो गये।

उन्होंने बताया कि पुलिस ने भाजपा नेताओं को रोकने सचिवालय की ओर जाने से रोकने का प्रयास किया, लेकिन नहीं मानने पर पार्टी के केन्द्रीय मंत्रियों, वरिष्ठ नेताओं एवं सांसदों समेत 18 शीर्ष लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।

शुभांशु ने बताया कि कुछ स्थानों पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों पर बोतल एवं पत्थर फेंके जिसकी वजह से पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।

इससे पूर्व रांची के धुर्वा इलाके में स्थित प्रभात तारा मैदान से सचिवालय का घेराव करने निकले भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प हो गई। खनिज समृद्ध राज्य में कथित तौर पर बिगड़ती कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार और बड़े पैमाने पर बेरोजगारी के विरोध में भाजपा की ओर से इस मार्च का आयोजन किया गया था।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस, पानी की बौछार (वाटर कैनन) का इस्तेमाल किया और लाठीचार्ज किया। आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई थी।

रांची के नगर पुलिस अधीक्षक शुभांशु जैन ने कहा कि ‘‘जब भाजपा कार्यकर्ता पुलिस बैरिकेड तोड़कर बलपूर्वक आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, तब हमने हल्का लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।’’उन्होंने कहा कि सचिवालय के आसपास सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी गई थी जिसके चलते एक निश्चित सीमा के बाद भीड़ की अनुमति नहीं दी जा सकती थी।

दोपहर डेढ़ बजे भाजपा कार्यकर्ता और नेता रांची के प्रभात तारा मैदान से सचिवालय भवन की ओर बढ़ते हुए नारे लगा रहे थे, 'तख्त बादल दो, ताज बादल दो' और 'सिंहासन खाली करो की जनता आती है।'

इससे पूर्व प्रभात तारा मैदान में पूरे प्रदेश से एकत्रित हुए हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भाजपा विधायक दल के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि राज्य में 'लुटेरों की सरकार सत्ता में है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘राज्य सरकार स्वयं राज्य के सभी खनिजों को लूटने में लगी हुई है, यहां तक कि वह राज्य का बालू स्वयं लूट रही है।’’

मरांडी ने दावा किया कि हेमंत सोरेन के ‘भ्रष्टाचार एवं उसकी जनविरोधी नीतियों’ के चलते जनता उसे सत्ता से उखाड़ फेंकेगी।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश ने कहा, ‘‘हम झारखंड में इस भ्रष्ट सरकार को नहीं चलने देंगे। हमने उन्हें बाहर निकलने का रास्ता दिखाने का संकल्प लिया है। पुलिस लाठीचार्ज में हमारे कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं।’’

प्रकाश ने दावा किया कि राज्य भर के भगवा पार्टी के कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन ने झारखंड सरकार में ‘भय की भावना पैदा की है’ और मुख्यमंत्री ‘डर के कारण’ रांची छोड़कर चले गए हैं।

प्रभात तारा मैदान में दीपक प्रकाश ने आरो लगाया, ‘‘राज्य में ‘रावण’ राज्य है। यहां राज्य संपोषित भ्रष्टाचार है। बिचौलियों के माध्यम से सरकार चलायी जा रही है। जो जनता देख रही है।''

इस बीच घेराव कार्यक्रम के बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा, ‘‘प्रशासन पिछले दो दिनों से हमारे कार्यकर्ताओं को रांची पहुंचने से रोकने की कोशिश कर रहा है। भाजपा कार्यकर्ताओं को दबाने की प्रशासन की कोशिशों के बावजूद एक लाख से अधिक कार्यकर्ता सचिवालय के पास पहुंचे।’’

केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने आरोप लगाया कि ‘‘झारखंड में आदिवासियों की जमीन लूटी जा रही है। ’’

पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने आरोप लगाया कि राज्य की सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा वास्तव में ‘झारखंड मुद्रा मोचन पार्टी’ है।

भाजपा के मार्च में अन्य नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और अन्नपूर्णा देवी और राज्य के पार्टी सांसद भी शामिल हुए।

वहीं, सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता सुप्रीयो भट्टाचार्य ने प्रदर्शन को ‘राजनीतिक हथकंडा’ करार देते हुए कहा, ‘‘ हम इसे गंभीरता से नहीं ले रहें हैं क्योंकि यह भाजपा द्वारा राजनीति के लिए किया गया प्रदर्शन है।’’










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