

छोटी दीवाली को लेकर लोगों के मन में कई कंफ्यूजन बनी हुई है। जानें इस साल छोटी दीवाली की डेट, पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में। पढ़िए डायनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली (Choti Diwali) का पर्व मनाया जाता है। इस दिन को नरक चतुर्दशी, रूप चौदस, या काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस साल छोटी दीवाली 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी। छोटी दीवाली का त्योहार मुख्य दीवाली से एक दिन पहले आता है और इसका विशेष महत्व है। इस दिन लोग अपने घरों को साफ-सुथरा कर दीप जलाते हैं और भगवान कृष्ण, माता काली और यमराज की पूजा करते हैं।
छोटी दीवाली 2024 की तिथि और समय (Choti Diwali 2024 Date and Time)
चतुर्दशी तिथि का आरंभ – 30 अक्टूबर, दोपहर 1:16 बजे
चतुर्दशी तिथि का समापन – 31 अक्टूबर, दोपहर 3:53 बजे
छोटी दिवाली का उत्सव सायंकाल में मनाया जाता है, इसलिए यह पर्व 30 अक्टूबर 2024, बुधवार को मनाया जाएगा।
पूजा मुहूर्त (Choti Diwali Puja Muhurat)
छोटी दीवाली के दिन अभ्यंग स्नान का भी विशेष महत्व है। इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप दूर होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। नरक चतुर्दशी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 30 मिनट से 7 बजकर 2 मिनट तक रहने वाला है। इस मुहूर्त में यम दीपक जला सकते हैं।
छोटी दीवाली का महत्व (Choti Diwali's Significance)
छोटी दीवाली का दिन हमारे पौराणिक कथाओं से जुड़ा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक दानव का वध किया था, जिसने 16,000 कन्याओं को बंदी बनाकर रखा था। नरकासुर के अंत के बाद सभी कन्याओं को मुक्त किया गया और तब से इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है।
इस वजह से जलाए जाते हैं दीये
इस दिन लोग अपने घरों में दीप जलाते हैं, जो घर से नकारात्मकता को दूर करने और समृद्धि के आगमन का प्रतीक है। छोटी दीवाली पर दीप जलाने से माना जाता है कि यमराज खुश होते हैं और इससे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता। इस दिन को रूप चौदस के रूप में भी मनाया जाता है, खासकर महिलाओं के लिए यह दिन रूप और सौंदर्य को निखारने का होता है। महिलाएं उबटन लगाकर, स्नान कर अपने सौंदर्य का ख्याल रखती हैं।
पूजा विधि (Puja Vidhi)
छोटी दीवाली के दिन स्नान कर घर के मुख्य द्वार और पूजा स्थान पर दीप जलाएं। भगवान कृष्ण, यमराज और माता काली की पूजा कर उनसे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मांगे। घर में दीप जलाने के साथ-साथ इस दिन से दीपावली के मुख्य पर्व की शुरुआत होती है।
छोटी दीवाली हमें याद दिलाती है कि जीवन में नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मकता की ओर बढ़ना चाहिए।
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