चैत्र नवरात्रि के पहले दिन आज इस तरह करें मां शैलपुत्री का पूजन

चैत्र नवरात्रि आज रविवार से शुरू हो गये हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। शक्ति रूप में मां दुर्गा के नौ रूपों पहले दिन आज मां शैलपुत्री की पूजा होती है। जाने मां शैलपुत्री के पूजन की विधि..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 18 March 2018, 11:13 AM IST
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नई दिल्ली: पूरे देश में आज से चैत्र नवरात्रि शुरू हो गये है। इस बार चैत्र नवरात्रि 25 मार्च तक चलेंगे। नवरात्र को आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्ति, आत्‍मशुद्ध‍ि, भक्ति और मुक्‍त‍ि का आधार भी माना जाता है। चैत्र मास मानव जीवन और प्रकृति से कई रूपों में जुड़ा माह भी है। नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना और पूजा से कई सिद्धियां प्राप्त की जा सकती है। इससे मानव जीवन समेत इंसान के आस-पास की नाकारात्मकता भी दूर होती है।

मां दुर्गा के होते हैं नौ रूप

नौ दिन, नौ रूपों की पूजा

चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। शक्ति रूप में मां दुर्गा के नौ रूपों 9 अलग-अलग दिनों में पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। इसके बाद क्रमश: ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है।

शक्ति के रूप में भी होती मां दुर्गा की पूजा

शैलपुत्री नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा

पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है, यह नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में पैदा होने के कारण इनको 'शैलपुत्री' के नाम से जाना जाता है। इसे सती का रूप भी माना जाता है। शैलपुत्री का विवाह भी भगवान शंकर से हुआ। शैलपुत्री शिवजी की अर्द्धांगिनी बनीं। शैलपुत्री की उपासना में उपासक अपने मन को 'मूलाधार' चक्र में स्थित करते हैं। यहीं से उनकी योग साधना का प्रारंभ होता है।

शैलपुत्री का मंत्र

वन्दे वंछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम् | वृषारूढाम् शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ||

 

नवरात्रि में जरूर करें कलश स्थापना

कलश स्थापना विधि

साफ-सफाई के साथ नवरात्रि की शुरुआत करें। कलश स्‍थापना करने वाले स्थान को अच्‍छी तरह साफ करें। कलश स्‍थापना के स्थान को साफ करने के बाद गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें। उस स्थान पर एक मिट्टी के बर्तन में जौ बो दें। इसी बर्तन के बीच में जल से भरा हुआ कलश रखें। कलश का मुख खुला ना छोड़ें, उसे ढक्‍कन से ढक दें और कलश पर रखे ढक्कन पर चावल या गेंहूं से भर दें। इसके बाद उस पर नारियल रखें। इसके बाद कलश के पास दीपक जलाएं। आपका कलश मिट्टी या किसी धातु का बना हो सकता है।

नवरात्रि के 9 दिनों तक नियमित तौर पर साफ-सफाई और पूजा-अर्चना के साथ मां दुर्गा की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती और दुखों की निवार्ण होता हैं।
 

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