यूपी अधीनस्थ सेवा के अभ्यर्थियों की चेतावनी.. बंद पड़ी भर्तियां हों शुरू, नहीं तो करेंगे आत्मदाह
यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग दफ्तर के बाहर सैकड़ों की तादात में भर्ती परीक्षा के उम्मीदवारों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। छात्रों ने सरकार से मांग की है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की बंद पड़ी भर्ती प्रक्रियाओं को पुनः बहाल किया जाए।
लखनऊ: यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के दफ्तर के बाहर सैकड़ों की तादात में भर्ती के उम्मीदवारों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। छात्रों ने सरकार से मांग कि है की अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की बंद पड़ी भर्ती प्रक्रियाओं को पुनः बहाल किया जाए, जिससे बेरोजगार उम्मीदवारों को रोजगार मिल सके।
इसे लेकर उम्मीदवारों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आने वाले समय में जल्द बंद पड़े हजारों भर्तियों को शुरू नहीं किया तो 40 हजार से अधिक भर्तियों के उम्मीदवार आत्मदाह करने को मजबूर होंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
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पिछली सरकार के कार्यकाल में यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने ग्राम विकास अधिकारी, सहायक लेखाकार समेत कई पदों के लिए 11 हजार से अधिक भर्तियां घोषित की थी। जिसके लिए 45 हजार छात्रों की साक्षात्कार प्रक्रिया चल रही थी। वहीं यूपी में योगी सरकार के आने पर 29 मार्च 2017 को पूरी भर्ती प्रक्रिया को बीच में ही रोक दिया गया। उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि पिछली भर्तियों को बीच में ही रोक देने से योग्य उम्मीदवारों का करियर बर्बादी के कगार पर है।
मीडिया से बात करते हुए फर्रुखाबाद से आई उम्मीदवार लक्ष्मी और रीता ने बताया कि आयोग की भर्ती परीक्षा वाले उम्मीदवारों ने पिछली 1 जून 2017 को तत्कालीन मुख्य सचिव राहुल भटनागर से भर्ती प्रक्रिया को फिर से शुरू कराने को लेकर वार्ता की थी। जिसमें उन्होंने उम्मीदवारों को भर्ती प्रक्रिया फिर से शुरू कराने का आश्वासन दिया था। उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि बातचीत के बाद 1 साल के लगभग समय बीतने पर भी अब तक बंद पड़ी भर्ती प्रक्रियाओं को सरकार की ओर से शुरू नहीं कराया जा सका।
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उम्मीदवारों का कहना है कि 22 जनवरी 2018 को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष सीबी पालीवाल ने भी उम्मीदवारों को बंद पड़ी भर्ती भर्तियों को फिर से शुरू कराने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक चयन आयोग की तरफ से अभी इस बाबत कोई ठोस पहल नहीं की गई है।