

आपने अक्सर महिलाओं को पब्लिक प्लेस पर ब्रेस्टफीड कराने के लिए परेशान होते देखा होगा, लेकिन अब महिलाओं की ये परेशानी जल्द ही खत्म हो सकती है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिए कि कोर्ट ने क्या निर्देश दिए
नई दिल्ली: महिलाओं को अक्सर पब्लिक प्लेस पर ब्रेस्टफीड कराने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। पहले तो कोई जगह ही नहीं मिलती बच्चों को फीड कराने के लिए और मिलती है तो महिलाएं कम्फर्टेबल फील नहीं कर पाती। वहीं कई बार तो महिलाओं को वॉशरूम में स्तनपान कराना पड़ता है।
इसी समस्या से निपटने के लिए सरकार ने पब्लिक बिल्डिंग में ब्रेस्टफीडिंग के लिए रूम बनाने की सलाह दी है। सरकार की इस सलाह को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर इस पर एक्ट करने के लिए कहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, कोर्ट ने यह भी कहा है कि पब्लिक प्लेस में या वर्किंग प्लेस में ब्रेस्टफीडिंग कराने को ऐसे नहीं देखना चाहिए कि जैसे यह कोई गुनाह हो, इसको “Stigmatised” यानी कलंकित नहीं किया जाना चाहिए। इसका मतबल है कि ब्रेस्टफीडिंग को ऐसा नहीं समझना चाहिए कि ये कोई गलत बात हो, इसे नॉर्मल किया जाना जरूरी है। साथ ही महिलाओं की प्राइवेसी का भी ख्याल रखा जाना चाहिए।
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— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) March 4, 2025
एनजीओ ने दायर की याचिका
एनजीओ मातृ स्पर्श - अव्यान फाउंडेशन की एक पहल द्वारा एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई थी, जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर फीडिंग रूम, क्रेच और चाइल्डकैअर सुविधाओं के निर्माण के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।
शिशुओं का स्वास्थ्य है जरूरी
पीठ ने टिप्पणी की, "शिशुओं के स्वास्थ्य को अलग करके नहीं देखा जा सकता है। बल्कि, इसे महिलाओं की स्थिति और मां के रूप में उनकी भूमिका और देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदानकर्ता के रूप में देखा जाना चाहिए।"
संविधान के अनुच्छेद 14, 15(3), 39(एफ), और 47 का हवाला देते हुए, न्यायालय ने बच्चों और माताओं दोनों की भलाई सुनिश्चित करने के राज्य के कर्तव्य पर जोर दिया।
मेंस्ट्रुअल हाइजीन का रखा जाए ध्यान
बेंच ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक संचार का भी हवाला दिया, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख सिफारिशों को शामिल किया गया है कि महिला कर्मचारियों के लिए मेंस्ट्रुअल हाइजीन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वॉशरूम में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन की स्थापना की जानी चाहिए।