Love Jihad: लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने वाला देश का दूसरा राज्य बना एमपी, जानिये इसके प्रावधान

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार की कैबिनेट लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित कानून को मंजूरी दे दी है, जानिये इसके प्रावधान। पढिये, डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)
शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)


भोपाल: उत्तर प्रदेश के बाद  मध्य प्रदेश में भी लव जिहाद के खिलाफ शीघ्र नया कानून लागू होने जा रहा है। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के कैबिनेट ने लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित बिल के ड्राफ्ट को शनिवार को मंजूरी दे दी है। लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित इस कानून में सख्त प्रविधान किए गए हैं। इसका उल्लंघन करने पर अधिकतम 10 साल की कैद के साथ जुर्माने के तहत एक लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। 

इसी के साथ मध्य प्रदेश लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने वाला देश का दूसरा राज्य बन गया है। इससे पहले यूपी की योगी सरकार भी इस तरह का कानून बना चुकी है, जो यूपी में लागू हो चुका है। लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने वाले दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार है।

यह भी पढ़ें | Love Jihad: यूपी की योगी सरकार का लव जिहाद पर बड़ा वार, कैबिनेट से अध्यादेश पास, जानिये इस कानून को

शनिवार सुबह सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक, 2020 के ड्राफ्ट को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसकी जानकारी दी।

इस बिल के बारे में मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम मध्‍य प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन की अनुमति नहीं देंगे। नए विधेयक के तहत जो भी यह करेगा उसे 10 साल से अधिक का कारावास और कम से कम 50 हजार रुपये के जुर्माने का भुगतान करना होगा। कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें नाबालिग लड़कियों का धर्म परिवर्तन कर शादी कर दी जाती है।

यह भी पढ़ें | Love Jihad: मध्य प्रदेश में भी लव जिहाद अध्यादेश को कैबिनेट से मिली मंजूरी, जानिये इसके प्रावधान

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि कानून में बलपूर्वक धर्म परिवर्तन के मामलों में 1-5 साल तक के कारावास और कम से कम 25 हूजार रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। महिला, नाबालिग और एससी-एसटी के धर्म परिवर्तन के मामलों में दोषियों को 2 से 10 साल तक की जेल के अलावा 50 हजार रुपए का जुर्माने दोषियों को देना होगा।

कानून के तहत अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन के लिए संबंधित जिले के कलेक्टर को एक महीने पहले आवेदन देना होगा। धर्मांतरण कर शादी करने के लिए कलेक्टर के पास आवेदन देना अनिवार्य होगा।










संबंधित समाचार