नवरात्र के पावन मौके पर जानिये पूजा-पाठ के उचित विधि-विधान. पूजा करते समय बरतें ये सावधानियां, मिलेगा पूरा फल

डीएन ब्यूरो

नवरात्र के अलावा पूजा-पाठ हमारे दैनिक जीवन का भी अहम हिस्सा है। लेकिन कहा जाता है कि शास्त्र सम्मत पूजा-पाठ से ही भगवान प्रसन्न होते हैं। पूजा-पाठ के सही विधि-विधान जानने के लिये पढ़े डाइनामाइट न्यूज़ की यह रिपोर्ट



नई दिल्ली: आज चैत्र नवरात्र की अष्टमी और कल नवमी है। नवरात्र में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। नवरात्र जैसे खास मौकों के अलावा भी पूजा-पाठ हमारे जीवन के अहम हिस्से है। पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते है लेकिन पूजा करने के शास्त्र सम्मत कुछ नियम-कायदे होते है। जिनका पालन करने में घर में सुख, समृध्दि का आगमन होता है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़िये पूजा-पाठ के विधि-विधान। 

जब भी पूजा करें तो कमर और गर्दन को सीधा रखें। इसका मुख्य कारण है जब हम पूजा करते है तो ध्यान अच्छे से लगता है। हिंदू धर्म में पूजा को विशेष स्थान दिया गया है। पूजा करते समय मन-चित्त शांत 

इस तरह पूजा करना हो सकता है नुकसान

भक्त अपने भगवान को प्रसन्न करने के लिए कई तरह से पूजा पाठ करते है उसके बाद भी मान अशांत रहता है अगर आप जल्दबाजी मे गीले सिर पूजा करते हो तो बहुत हानिकारक होता है। इसके अलावा जमीन पर बिना कुचालक आसन के बैठ जाते हैं तो भी बहुत हानिकारक होता है। जब आप पूजा करते हो तो उस समय आपके शरीर से विधुत तरंगें निकलती हैं। इसलिए आप जब भी पूजा करें तो इन बातों का ध्यान रखना बेहद जरुरी है।

दिशा का रखें खास खायल

अपने घर मंदिर या पूजा स्थान हमेशा कोण उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए, ये दिशा भगवान के मंदिर के लिए सबसे शुभ मानी जाती है। लेकिन अगर आपको घर में पूजा का स्थान दक्षिण- पश्चिम दिशा में है तो पूजा का फल कम मिलेगा।  










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