DN Exclusive बलरामपुर: बाढ़ से बचाव के लिये एमएलटीडी बांध के उच्चीकरण में घोर लापरवाही, प्रशासन उदासीन
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य के तमाम क्षेत्रों में बाढ़ की विभीषिका को टालने के लिये पहले से ही पूरी तैयारियां करने के सख्त निर्देश संबंधित विभागों को दे चुके हैं लेकिन बाढ़ से बचाव कार्यों के नाम पर अधिकारी खानापूर्ति करने में जुटे हुए है। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
बलरामपुर: प्रदेश में बाढ़ के कहर से निपटने के लिए सीएम योगी काफी पहले ही एडवांस प्लानिंग करने में जुटे हुए और वे इसके लिये काफी संवेदनशील भी नजर आ रहे हैं। इसके लिये सीएम ने पिछले दिनों प्रदेश के बाढ़ प्रभावित 25 जिलों के जिलाधिकारियों की बैठक बुलाकर उन्हें बाढ़ से निपटने के लिए सभी आवश्यक कार्य पहले ही पूरे करने के सख्त निर्देश दिए थे, लेकिन लगता है कि जिला प्रशासन बाढ़ के खतरे को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। बाढ़ से जुड़े बचाव कार्यों में भारी लापरवाही बरती जा रही है।
डाइनामाइट न्यूज़ की पड़ताल में कई लापरवाही उजागर
जिला मुख्यालय सहित जिले के अन्य भागों में बाढ़ से बचाव को लेकर किये जा रहे कार्यों की गंभीरता को लेकर डाइनामाइट न्यूज की टीम ने कई बांधों का सर्वे किया। लेकिन इन कार्यों में काफी विभागीय लापरवाही और अनियमितताएं देखने को मिली। एमएलटीडी बांध के उच्चीकरण का कार्य कर रहे ठेकेदार काम के नाम पर केवल खानापूर्ति करने में डुटे हुए है। इसके अलावा इस कार्य के लिये जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते ठेकेदार इस बांध को ठोस तरीके से ऊंचा नहीं कर रहे है, बस थोड़ी-बहुत मिट्टी डालकर औपचारिकता निभा रहे हैं। इससे जाहिर है कि बाढ़ आने की दशा में यहां का खतरा जस का तस बना ही रहेगा।
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बाढ़ में बांध का बचना मुश्किल
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय को बाढ़ से बचाने के लिए एमएलटीडी नाम का एक बांध बनाया गया था, जो गत दिनों रख-रखाव के अभाव में क्षतिग्रस्त हो चुका है। पिछले वर्ष आई बाढ़ के दौरान बड़ी मशक्कत के बाद बांध को किसी तरह स्थानीय लोगों तथा जिला प्रशासन ने मिलकर बचाया था। जिसके बाद इसको ऊंचा करने का निर्देश दिया गया, लेकिन यहां हो रहे कार्यों को देखकर लगता है कि इस वर्ष बाढ़ आने की स्थिति में इसे बचाया जाना मुश्किल है।
कहीं बजट निगलने की तैयारी तो नहीं
जिला प्रशासन द्वारा जिला मुख्यालय को बचाने वाले एमएलटीडी बांध को भी एक से डेढ़ फुट ऊंचा करके उस पर सोलिंग लगाने का कार्य अभी किया जाना है। बांध को ऊंचा करने का कार्य ठेकेदारों को सौंपा गया है। लेकिन देखने में सामने आया कि ठेकेदारों ने ट्रालियों से भर कर थोड़ी-बहुत मिट्टी बांध पर डाल दी और उसे लेवल करके बजट को पूरी तरह खा जाने की फिराक में है। यहां बांध के ऊपर केवल मिट्टी डालकर उसकी ऊंचाई को बढ़ाया जा रहा है, ताकि कागजों में उसे सही दिखाया जा सके।
बाढ़ के सामने कैसे टिकेगी मिट्टी
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ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्या भयंकर बाढ़ के सामने यह मिट्टी टिक सकेगी। मिट्टी के स्थान पर प्रशासन द्वारा कंक्रीट-सीमेंट आदि का इस्तेमाल किया जाना चाहिये था, लेकिन ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है।
जिलाधिकारी बोले- कार्य की करेंगे जांच
इस बारे में डाइनामाइट न्यूज़ ने जब जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि कार्य करने वाले संस्थान का कहना है कि अभी उनका काम पूरा नहीं हुआ है। डीएम ने कहा कि कार्य पूरा होने के बाद हम उनके कामों की जांच करेंगे। अगले 15 दिनों में हम इसे अपडेट करेंगे। अगल कहीं कोताही पायी गयी तो उसे सही तरीके से कराया जाएगा।