DN Exclusive: एशियन गेम्स में भारत को पदक दिलाने वाले खिलाड़ियों के सफर और संघर्ष की कहानी

इंडोनेशिया के जाकार्ता में खेले जा रहे 18वें एशियाई खेलों में पांचवे दिन चीन 107 पदकों के साथ पहले स्थान पर, जापान 79 पदकों के साथ दूसरे और भारत फिलहाल 17 पदकों के साथ 10वें नंबर पर काबिज है। भारत ने 4 स्वर्ण, 4 रजत और 9 कांस्य पदक अपने नाम किए हैं। डाइनामाइट न्यूज़ बता रहा है आपको देश को मेडल दिलाने वाले खिलाड़ियों की इनसाइड स्टोरी..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 23 August 2018, 5:52 PM IST
google-preferred

नई दिल्ली: इंडोनेशिया की राजधानी जाकार्ता में चल रहे 18वें एशियाई खेलों में भारत ने अपने 572 सदस्यीय दल को भेजा है। जिसमें विभिन्न खेलों से जुड़े खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में लगे हैं। अब जहां आज पांचवे दिन पदकों की संख्या बढ़कर 17 पहुंच गई हैं, वहीं इन पदकों में स्वर्ण जीतने वाले खिलाड़ियों ने अब दुनिया व देश में अपनी एक खास पहचान बना ली है।

यह भी पढ़ें: एशियाई खेलों में सौरभ ने स्वर्ण पर लगाया निशाना, अभिषेक को मिला कांसा

पेश है स्वर्ण जीतने वाले इन खिलाड़ियों के सफर पर डाइनामाइट न्यूज़ की स्पेशल रिपोर्ट: 

1. सौरभ चौधरीः उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक छोटे से गांव कलीना में 11 मई 2002 को जन्मे सौरभ एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। महज 15 साल की उम्र में जब इन्होंने निशानेबाजी को अपने करियर के रूप में चुना तो किसी ने ये कल्पना नहीं की थी महज एक साल के भीतर ही यह लड़का दुनिया में देश का नाम रोशन करेगा। एशियन गेम्स 2018 में 10 मीटर एयर पिस्टल में सिर्फ 16वें साल में पर्दापण करने वाले सौरभ चौधरी ने स्वर्ण जीतकर इतिहास रच दिया है। उम्र भले ही 16 साल हो लेकिन सौरभ में अपने खेल के प्रति परिपक्वता खूट- खूट कर भरी पड़ी। इस बात का अंदाजा इसी से ही लगाया जा सकता है कि मेरठ के इस लड़के ने जापान के खिलाड़ी तोमोयुकी मतसुदा जिनकी उम्र इनसे कहीं अधिक यानी 42 साल है उनको मात देकर स्वर्ण पर निशाना साधा है। बता दें कि तोमयुकी वहीं खिलाड़ी हैं जो 2010 में विश्व चैंपियन भी रह चुके हैं। इस प्रतियोगिता में सौरभ का कुल स्कोर 240.7 रहा था। इस स्कोर के साथ ही सौरभ चौधरी ने एशियाई खेलों में न सिर्फ अपने को साबित किया बल्कि अपने साथी खिलाड़ियों को भी प्रेरित किया है। बता दें कि सौरभ मेरठ से 53 किलोमीटर दूर बागपत के पास बेनोली के अमित शेरॉन अकादमी में शूटिंग का प्रशिक्षण ले रहे हैं। वह अभी 11वीं कक्षा में पढ़ते है, सौरभ का कहना है कि उन्हें अपने पिता के साथ खेती करने में आनंद आता है। जब भी उन्हें समय मिलता है वह अपने गांव कलीना में पिता के साथ पहुंच जाते हैं खेत में खेती करने। 16 की उम्र में निशानेबाजी में स्वर्ण जीतने वाले सौरभ एकलौते खिलाड़ी बन गए हैं। इसी खेल में रणधीर सिंह ने 32की उम्र में, रंजन सोढ़ी ने 30 की और जीतू राय ने 26 साल में यह उपलब्धि हासिल की थी। वहीं 1994 में हिरोशिमा के एशियन गेम्स में 17 की उम्र में जसपाल राणा ने स्वर्ण पदक जीता था। 

विनेश फोगाट

2. विनेश फोगाटः हरियाणा के भिवानी में 25 अगस्त 1994 को जन्मी विनेश कुश्ती के फोगाट परिवार से हैं। यह 50 किलो वर्ग के फ्रीस्टाइल में कुश्ती खेलती है, इनके परिवार से गीता फोगाट और बबीता कुमारी ने भी अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में कई पदक अपने नाम किए हैं। जिसमें कॉमनवेल्थ गेम्स भी प्रमुख रहा है। अब बात एशियन गेम्स की हो रही है तो बता दें कि भारत की तरफ से कुश्ती में स्वर्ण पदक जीतने वाली विनेश पहली भारतीय महिला बन गई है। यहीं नहीं इससे पहले कॉमनवेल्थ गेम्स में भी इन्होंने 50 किलो वर्ग की कुश्ती में अपनी अद्भुत प्रदर्शन की बदौलत स्वर्ण जीता था। बता दें कि विनेश ने यहां एशियन गेम्स में महिलाओं की फ्रीस्टाइल 50 किलो वर्ग के खिताबी मुकाबले में जापान की पहलवान यूकी आयरी को हराया। 

विनेश से जुड़ी खास बातः विनेश फोगाट को लेकर कहा जाता है कि उन्हें एक बार कुश्ती खेलते समय चोट लग गई थी तब डॉक्टरों ने उन्हें पहलवानी छोड़ने की सलाह दी थी और कहा था कि अब अगर दोबारा चोट लगी तो जान पर बन सकती है। खेल छोड़ने के बजाय  विनेश ने कड़ी मेहनत की और 2016 ओलंपिक फ्री स्टाइल कुश्ती में 48 किलो वर्ग में चीन की पहलवान सुनियान से मुकाबला किया और फिर से चोटिल हो गई। इसके बाद तो इन्होंने अपनी इस चोट को कमजोरी की वजाय अपनी मजबूती बनाई और एक के बाद एक कई पदक अपने नाम किए। 

यह भी पढ़ें: चोटिल टेनिस खिलाड़ी अंकिता रैना ने कहा- कांस्य नहीं, मैं स्वर्ण जीतना चाहती थी

इस विवाद से भी जुड़ा नामः वहीं पदक जीतने के बाद विनेश को लेकर एक अखबार में खबर छपी थी जिसका शिर्षक था ‘ नीरज और विनेश के बीच बढ़ रही नजदीकियां’ इस खबर के सोशल मीडिया पर वायरल होने के तुरंत बाद विनेश ने इसका खंडन करते हुए ट्वीट किया था कि मैं, नीरज और सभी भारतीय खिलाड़ी एक दूसरे को सपोर्ट करते हैं। हम देश के लिए पदक लाना चाहते हैं लेकिन दुख की बात है कि देश के लिए सम्मान और गौरव बढ़ाने वाले एथलीट की ऐसी गलत तस्वीर लोगों के सामने पेश की जा रही है। 

बजरंग पूनिया

3. बजरंग पूनियाः 26 फरवरी 1994 में हरियाणा के झज्जर जिले के गांव खुंडा में पैदा हुए बजरंग आज कुश्ती में एक जाना पहचाना नाम बन गए हैं। उन्हें उनके पिता ने कुश्ती खेलने के लिए प्रेरित किया था और बजरंग जब सात साल के थे तब से कुश्ती खेल रहे हैं। 2015 में जब उनका परिवार सोनिपत में आकर रहने लगा तो पूनिया ने यहां क्षेत्रिय सेंटर के स्पोर्ट्स ऑथीरिटी ऑफ इंडिया में कुश्ती खेलना जारी रखा। 18वें एशियाई खेलों में 65 किलो फ्रीस्टाइल कुश्ती में स्वर्ण पदक जीतने वाले बजरंग ने अपनी इस जीत को दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित किया है। 

उन्होंने इस पदक का श्रेय अपने मेंटर योगेश्वर दत्त को भी दिया और साथ ही अपने माता- पिता का भी आभार व्यक्त किया। कुश्ती के अलावा इन्हें रेलवे में टीटीई की नौकरी भी मिली है। उनके परिवार को उम्मीद हैं कुश्ती  में उनके इस हरफनमौला प्रदर्शन से उन्हें एक दिन हरियाणा पुलिस में जरूर पुलिस उपायुक्त का पद मिलेगा। 

राही सरनोबत

यह भी पढ़ें: एशियन गेम्स में भारत को एक और स्वर्ण, राही सरनोबत ने भी सोने पर लगाया निशाना

4. राही सरनोबतः महाराष्ट्र के कोल्हापुर में 30 अक्टूबर 1990 में जन्मी राही एक निशानेबाज हैं। इन्होंने एशियाई खोलें में भारत के लिए सौरभ चौधरी के बाद दूसरा स्वर्ण पदक जीता है। जकार्ता में चल 25 मीटर पिस्टल शूटिंग में स्वर्ण जीतने वाली राही एशियाई खेलों में ऐसा कारनामा करने वाली पहली महिला खिलाड़ी बन गई है। वहीं इसी स्पर्धा में मनु भाकर को छठा स्थान मिला है। इस 25 मीटर पिस्टल शूटिंग में थाईलैंड की यांगपाईबून नाफास्वान दूसरे जबकि चीन की यिन यूमेई तीसरे स्थान पर रहीं।

ता दें कि यह राही के लिए कोई नई बात नहीं है इससे पहले भी इन्होंने 5 अप्रैल 2013 में कोरिया के चांगवान में आईएसएसएफ विश्व कप की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में केयोंगे किम को हरकार स्वर्ण जीता था। वहीं अमेरिका में 2011 आईएसएसएफ विश्व कप में कांस्य पदक जीता था। जबकि भारत में हुए कॉमनवेल्थ 2010 में एक स्वर्ण और एक रजत पदक अपने नाम किया था। वहीं आईएसएसएफ वर्ल्ड कप 2011 में रजत जीतकर ओलंपिक के टिकट के लिए क्वालीफाई किया था।

No related posts found.