चोटिल टेनिस खिलाड़ी अंकिता रैना ने कहा- कांस्य नहीं, मैं स्वर्ण जीतना चाहती थी
एशियाई खेलों में भारत के पदकों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसका पूरा श्रेय विभिन्न खेलों के खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत और उनके कोच के मार्गदर्शन को जाता है। अभी तक लॉन्ग टेनिस में जहां सिर्फ खेल प्रेमी सानिया मिर्जा का नाम सुनते आ रहे थे वहीं अब टेनिस की नई सनसनी अंकिता रैना ने यहां 18वें एशियन गेम्स में कांस्य अपने नाम कर लिया है। अंकिता रैना के बारे में डाइनामाइट न्यूज की स्पेशल रिपोर्ट..
एशियन खेलः एशियन गेम्स के पांचवे दिन यानी गुरुवार को महिला एकल टेनिस मुकाबले में अंकिता रैना ने कांस्य पदक अपने नाम कर लिया है। बता दें की टेनिस में यह भारत के लिए पहला पदक है। इस पदक से अब एशियाड खेलों में भारत के पदकों की संख्या अब 17 हो गई है जिसमें भारत की झोली में 4 स्वर्ण, 4 रजत और 9 कांस्य पदक आए है। पदक जीतने के बाद अंकिता का कहना था कि उसका लक्ष्य हालांकि फाइनल में पहुंचकर स्वर्ण पदक जीतने का था लेकिन यह संभव नहीं हो पाया। टेनिस मुकाबले में उन्हें चीन की शुआई जैंग ने उन्हें 4-6, 6-7 से हरा दिया।
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रैना ने सेमीफाइल मुकाबले में काफी अच्छी शुरुआत की, वह अपने प्रतिद्वंदी के खिलाफ पहले सेट में बढ़त हासिल कर ही रही थी कि मैच के बीच में ही वह चोटिल हो गई और इस चोट से उबरने के लिए अंकिता को बीच में आराम लेना पड़ा। अपने फीजियो और डॉक्टरी जांच के बाद यह खिलाड़ी एक बार फिर से कोर्ट पर उतरी लेकिन दर्द की वजह से लय कायम नहीं रख पाई और पहले ही सेट में वह 4-6 से हार गई।
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पहले सेट में मिली हार के बाद अंकिता ने दूसरे सेट में अपने प्रतिद्वंद्वी से कड़ी टक्कर ली लेकिन अंत में वह 6-7 से हारकर खेल के दूसरे सेट में अंक गवा बैठी और मैच से भी बाहर हो गई। इस तरह 18वें एशियाई खेलों में उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा।
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बता दें कि इससे पहले अंकिता ने हॉन्ग कॉन्ग की इउडिस वॉन्ग चॉन्ग को 6-4, 6-1 से मात दी थी और सेमीफाइनल में जगह बनाकर अपना मेडल पक्का किया था।
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वहीं अब दूसरे मुकाबलों में अभी भी भारत की पदकों की उम्मीद कायम है। अनुमान लगाया जा रहा है कि पदकों की संख्या अभी 16 से और बढ़ेगी और दूसरी प्रतिस्पर्धाओं में भारतीय खिलाड़ी जरूर पदक जीतकर दुनिया में देश का नाम रोशन करेंगे।