Dynamite News Exclusive: दिल्ली के शेल्टर होम में 14 मौतों पर सबसे बड़ा खुलासा; डाइट अधूरी, अंडे-दूध भी बंद, पढ़ें पूरी इनसाइड स्टोरी
राजधानी दिल्ली के आशा किरण शेल्टर होम में 14 मौतों का मामला सुर्खियों में बना हुआ है। डाइनामाइट न्यूज़ पहली बार इस शेल्टर होम में पहुंचा और यहां की पूरी पड़ताल की। डाइनामाइट न्यूज़ की इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में पढ़िये इन मौतों की असली वजह
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-1 का आशा किरण शेल्टर होम इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। मानसिक रूप कमजोर बच्चों और किशोरों को आश्रय देने दिल्ली सरकार के इस शेल्टर होम में जुलाई माह में 14 मौतें हो गई। शेल्टर होम और यहां की व्यस्थाओं पर लगातार उठ रहे सवालों के बीच डाइनामाइट न्यूज़ टीम इस शेल्टर होम में पहुंची और यहां का जायजा लिया।
पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी पड़ताल और देखिये पूरा वीडियो
डाइनामाइट न्यूज़ पर बडे खुलासे
शेल्टर होम में कई सालों से काम करने वाली महिला वर्कर्स ने डाइनामाइट न्यूज़ के कैमरे पर पहली बार कई बड़े खुलासे करते हुए अंदरूनी अव्यस्थाओं को उजागर किया। पहले इन मौतों को रहस्यमयी मौत माना जा रहा था, लेकिन महिला वर्कर्स से हुई बातचीत साफ करती हैं कि ये मानवीय और सरकारी लापरवाही के कारण हुई मौतें है।
अव्यवस्थाओं का आलम
शेल्टर होम में अब भी अव्यवस्थाओं का आलम पसरा हुआ है। एक नाबालिग समेत 14 लोगों की मौत के बाद चारों ओर के माहौल में मातम औऱ सन्नाटा सा छाया हुआ है। यहां से गुजरने वाले लोग भी शेल्टर होम को सशंकित निगाहों से देखते हैं और आगे बढ़ जाते हैं।
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डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में यहां काम करने वाली महिला वर्कर्स कहतीं है कि वे यहां पिछले 15 सालों से मानसिक तौर पर विकलांग (बीमार) बच्चों की सेवा कर रही है।
खाना भी पूरा नहीं, अंडा-दूध भी बंद
डाइनामाइट न्यूज़ के एक सवाल के जवाब में एक महिला वर्कर बताती हैं कि पिछले कुछ महीनों से यहां बच्चों को पूरी डाइट नहीं दी जा रही थी। बच्चों को अंडा और दूध देना भी बंद कर दिया गया। रोगियों के लिये खान-पान की व्यवस्था और गुणवत्ता गिर गई थी। गर्मी बढ़ी लेकिन गर्मी से बच्चों को निजात दिलाने के कोई उपाय नहीं किये गये। भीषण गर्मी में ऐसी तो दूर कूलर की व्यवस्था तक नहीं थी। बच्चे पहले से ही बीमार थे और इन सब कारणों से उनकी परेशानियां और बढ़ती चली गई।
क्षमता से कई अधिक लोग
शेल्टर होम की महिला कर्मचारियों ने अब डाइनामाइट न्यूज़ को जो कुछ बताया, उससे साफ हो गया कि इन मौतों के लिये सरकार और सिस्टम ही जिम्मेदार है। बच्चों की देखभाल करने वाली महिला वर्कर्स ने बताया कि शेल्टर होम में क्षमता से कई अधिक लोग रखे गये हैं। सभी के लिये पर्याप्त व्यवस्थाएं भी उपलब्ध नहीं कराई जाती है।
रोजी-रोटी का संकट और आउटसोर्सिंग का ऑफर
डाइनामाइट न्यूज़ से महिलाओं ने कहा कि वे यहां 2010 से काम कर रहीं है लेकिन सरकार अब उनसे कह रही है कि “ आपको आउटसोर्सिंग पर रख लेते हैं।“ इन महिलाओं का कहना है कि पहले इन्हें नियमित सैलरी मिलती थी लेकिन अब साल में दो बार (6-6 माह) ही सैलरी मिलती है।
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शेल्टर होम में 14 मौतों के बाद दिल्ली की राजनीति गरमाई हुई है। इस त्रासदी के बाद यहां कई नेता और अधिकारी पहुंच रहे है।
2024 में 27 मौत
शेल्टर होम में जुलाई में 8 महिलाएं और एक नाबालिग समेत 6 पुरुषों की मौत हुई। ये सभी मौतों 14 जुलाई के बाद हुई। वहीं इस साल में अब तक यहां कुल 27 मौतें हुई।
आशा किरण शेल्टर दिल्ली सरकार की तरफ से संचालित एकमात्र ऐसी संस्था है, जहां मानसिक रूप से कमजोर लोगों की देखभाल की जाती है।